दीपिका पांडेय सिंह ने पेश की ममता की मिसाल, तीन माह की बच्ची को मिलवाया उसकी माँ से
रांचीः कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर एक बार फिर मासिक जनता दरबार लगाया गया. ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने इस दौरान लोगों की समस्याओं को सुना तथा उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देती दिखीं.
फरियादियों की परेशानी को सुनने के बाद इसके समाधान की कोशिश करती मंत्री दिखीं.
कई मामलों में अधिकारियों को फोन पर ही मंत्री द्वारा निर्देश दिए गए. जनता दरबार के दौरान दीपिका पांडे सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि जनता दरबार में सिर्फ सुनवाई नहीं होती बल्कि कार्रवाई भी होती है.
उन्होंने बताया कि पिछले जनता दरबार में एक मामला आया था जिसमें हिंदपीढ़ी की इरम परवीन नामक महिला की तीन माह की बच्ची को पति द्वारा कश्मीर ले जाने का मामला आया था जिस पर रांची पुलिस से संज्ञान लेने का निर्देश दिया गया था, इस पर कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने महिला को उसकी बच्ची को वापस दिलाया था.
उन्होंने कहा कि जनता दरबार में कई मामले ऐसे आते हैं जिनका तत्काल निपटारा हो जाता है, कई मामले ऐसे भी होते हैं जो लंबी प्रक्रिया वाले होते हैं. उसकी त्वरित प्रक्रिया हेतु निर्देशित किया जाता है और उनकी निगरानी भी की जाती है.
इस मौके पर मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि
आज कई छात्रों के मामले ऐसे आए जिसमें जेएसएससी द्वारा ली गई अलग-अलग परीक्षाओं में अभ्यर्थी सफल हो गए लेकिन उनके प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं किया जा सका है. इस संबंध में निर्देशित किया जाएगा और यह जल्द हो, इसकी कोशिश की जाएगी. एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र के लिए सरकार तैयार है. सदन में अनुपूरक बजट भी आना है.
मंत्री ने कहा कि सत्र में कई मामले ऐसे भी आएंगे जो पिछले सत्र से लेकर आहूत सत्र के बीच का होगा. सरकार सत्र को लेकर पूरी गंभीर है और हम चाहते हैं कि सत्र पूरी संजीदगी से चले. झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि बिल तैयार है और सदन के पटल पर रखा जाना है. यह विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है और इससे क्रांतिकारी बदलाव उच्च शिक्षा में आएगा. कहा कि अगर शिक्षा जगत में सुधार की कवायद राज्य सरकार कर रही है तो विपक्ष को इसमें सहयोग करना चाहिए.