दीपिका पादुकोण बोलीं – “खामोशी में भी ताकत होती है”

दीपिका पादुकोण बोलीं – “खामोशी में भी ताकत होती है” दीपिका पादुकोण: “मैं अपनी लड़ाइयाँ चुपचाप और गरिमा से लड़ती हूँ”
मुंबई (अनिल बेदाग) : वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के अवसर पर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण मध्य प्रदेश पहुँचीं, जहाँ उन्होंने अपने फाउंडेशन ‘लिव लव लाफ’ के 10 साल पूरे होने का जश्न मनाया। यह फाउंडेशन पिछले एक दशक से देश में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सहयोग का एक मज़बूत स्तंभ बना हुआ है।
दीपिका, जो लंबे समय से मेंटल हेल्थ पर खुलकर बात करने वालों में अग्रणी रही हैं, ने इस कार्यक्रम के दौरान अपने सफर, संघर्ष और फाउंडेशन के प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। यह यात्रा सिर्फ एक मील का पत्थर नहीं थी, बल्कि देश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बनी सामाजिक झिझक को तोड़ने की दिशा में उनके सतत प्रयासों की याद दिलाने वाली थी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सही बात के लिए खड़ा होना कभी महंगा साबित हुआ है, तो दीपिका ने बेहद ईमानदारी से कहा —“ऐसा कई बार हुआ है। चाहे वो पेमेंट की बात हो या किसी अन्य मुद्दे की, मुझे हमेशा अपने तरीके से चीज़ों से निपटना पड़ा।
मैं अपनी लड़ाइयाँ चुपचाप और गरिमा के साथ लड़ती हूँ। कभी-कभी ये बातें सार्वजनिक हो जाती हैं, जो मेरे स्वभाव का हिस्सा नहीं, लेकिन मैं हमेशा सादगी से अपने मकसद पर डटी रहती हूँ।”
उनकी यह बात न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभव को बयां करती है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में समानता, सम्मान और न्याय को लेकर चल रही बहसों को भी दिशा देती है।
आज भी दीपिका पादुकोण अपने हर कदम से यह साबित करती हैं कि असली शक्ति शोर मचाने में नहीं, बल्कि अपने काम, खामोशी और ईमानदारी से बदलाव लाने में होती है — चाहे वो कैमरे के सामने हों या उसके पीछे।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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