2000+फैक्ट्रियों को CPCB की Real-Time निगरानी

💨 NCR प्रदूषण पर नकेल: 2000+ फैक्ट्रियों को Real-Time निगरानी का आदेश

 

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड ने क्षेत्र की 2000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को जल्द से जल्द अपनी चिमनियों पर रियल-टाइम वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण (Real-Time Air Quality Monitoring Devices) लगाने का निर्देश दिया है।

इस कदम का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करना और उन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है।

⚙️ नई व्यवस्था और अनिवार्यता

 

  • अनिवार्य उपकरण: फैक्ट्रियों को अपनी चिमनियों के पास ये निगरानी उपकरण लगाने होंगे।

  • ऑनलाइन सर्वर से जुड़ाव: इन उपकरणों को CPCB के ऑनलाइन सर्वर से जोड़ना अनिवार्य होगा, ताकि प्रदूषण डेटा की नियमित और वास्तविक समय (Real-Time) में निगरानी की जा सके।

  • श्रेणियाँ: ये इकाइयां मुख्य रूप से फूड, टेक्सटाइल और मेटल श्रेणी से संबंधित हैं, जो दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में चल रही हैं।

🏭 NCR में प्रदूषित ईंधन की समस्या

 

CPCB के अनुसार, दिल्ली की अधिकांश औद्योगिक इकाइयाँ स्वच्छ ईंधन (PNG) पर चल रही हैं, लेकिन एनसीआर के शहरों (हरियाणा, यूपी, राजस्थान) में अभी भी कोयले, भट्टी और प्रदूषित ऑयल का उपयोग हो रहा है। यही वजह है कि इनकी चिमनियों से भारी मात्रा में प्रदूषक तत्व वायुमंडल में फैल रहे हैं।

🚨 नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई

 

CPCB अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन निगरानी से मानकों का उल्लंघन और प्रतिबंधित प्रदूषित ईंधन के इस्तेमाल का तुरंत पता चल जाएगा।

  • नोटिस: उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित इकाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

  • कार्रवाई: अगर नोटिस के बाद भी सुधार नहीं होता है, तो इकाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

“दिल्ली एनसीआर के वायु प्रदूषण में अभी भी औद्योगिक इकाइयों के धुएं की हिस्सेदारी सामने आ रही है। इसीलिए यह कदम उठाया गया है। प्रदूषित ईंधन हवा को नहीं, मानव स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहा है।”

– डाॅ. अनिल गुप्ता, सदस्य, सीपीसीबी

CPCB को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने और दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा।


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