CBI : आखिर डॉक्टर बिटिया के बदनसीब बाप का क्या कसूर, ममता बनर्जी की पुलिस से मिली थी ‘चोट’ अब CBI ने भी किया निराश.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर बिटिया के साथ रेप के बाद हत्या की वारदात हुई तो इस वारदात ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. देश का कोई अस्पताल ऐसा नहीं था जहां डॉक्टर्स हड़ताल पर ना बैठे हैं. ममता बनर्जी की पुलिस पर डॉक्टर के परिवार को जरा भी भरोसा नहीं था.
यही वजह है कि बैकफुट पर नजर आ रही बंगाल सरकार से जांच लेकर इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. अब पीड़ित परिवार का भरोसा केंद्रीय जांच एजेंसी से भी उठता नजर आ रहा है. परिवार का दर्द अब खुलकर सामने आने लगा है. ऐसे में सवाल उठता है कि न्याय की गुहार लगा रहा परिवार अब जाए तो जाए कहां.
माता-पिता ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जज साहब से सीबीआई की जांच पर भरोसा नहीं होने की बात कही गई. फैमिली चाहती है कि बेटी के हत्यारे की नए सिरे से जांच करवाई जाए. हालांकि हाईकोर्ट ने चल रहे मुकदमे में तुरंत हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, लेकिन सीबीआई से 24 दिसंबर को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. आज मुख्य आरोपी संजय रॉय सियालदह ट्रायल कोर्ट में गवाही देगा. वो जज के सामने इस पूरे घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखेगा.
‘प्रदर्शन बंद होते ही ढीली पड़ गई सीबीआई’
एक दिन पहले पिता ने कहा था, “जहां भी विरोध प्रदर्शन होगा, हम उसमें हिस्सा लेंगे. अब यही एक रास्ता है. मैं बहुत दुखी हूं. हमें और मजबूती से विरोध करना होगा, तभी कुछ होगा. सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल नहीं की. जब हमने न्याय के लिए अदालत से गुहार लगाई तब उन्होंने केस सीबीआई को दे दिया, लेकिन सीबीआई ने अपना काम ठीक से नहीं किया. जब विरोध प्रदर्शन चल रहे थे, तब सीबीआई अच्छा काम कर रही थी, इसलिए गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन जैसे ही विरोध प्रदर्शन बंद हुआ, सीबीआई ने काम करना बंद कर दिया. अगर विरोध प्रदर्शन जारी रहता, तो सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी होती.”
सीबीआई तक कैसे पहुंचा मामला?
इसी साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. यह वारदात आधी रात को हुआ. मामले की जांच पहले ममता बनर्जी की पुलिस कर रही थी, लेकिन किसी को भी कलकत्ता पुलिस पर विश्वास नहीं था. ममता बनर्जी ने तब कहा था कि अगर परिवार सीबीआई से जांच चाहता है तो हमें इससे आपत्ति नहीं है. फिर 13 अगस्त को हाईकोर्ट की एक बेंच ने जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया था.