Bareilly UP : श्रावण मास के दूसरे सोमवार को बरेली पूरी तरह से शिवभक्ति में रंगा नजर आया।
बरेली-श्रावण मास के दूसरे सोमवार को बरेली पूरी तरह से शिवभक्ति में रंगा नजर आया। शहर की फिजाओं में “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के जयघोष गूंजते रहे। श्रद्धा और आस्था का ऐसा दृश्य था कि अलखनाथ मंदिर, त्रिनेत्रेश्वर महादेव, बनखंडी नाथ मंदिर और धोपेश्वरनाथ जैसे प्रमुख शिवालयों में रविवार रात से ही जलाभिषेक के लिए लंबी कतारें लग गई थीं।
सोमवार सुबह चार बजे से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई बाबा भोलेनाथ से परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और मंगलकामना के लिए जल चढ़ाकर प्रार्थना करता नजर आया। मंदिर परिसर ओम नमः शिवाय और जय शिव शंकर के मंत्रों से गूंजता रहा।
प्रशासनिक तैयारी और निरीक्षण कांवड़ यात्रा और भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह सतर्क रहा। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीआईजी अजय कुमार साहनी और एसपी सिटी मानुष पारीक ने स्वयं अलखनाथ मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीएम अविनाश कुमार सिंह व एसएसपी अनुराग आर्य ने धोपेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक और पौधारोपण किया।
डीआईजी अजय साहनी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि “कोई भी उपद्रव या अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
सेवा शिविरों और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस व प्रशासन की ओर से कई स्थानों पर सेवा शिविर लगाए गए। बदायूं रोड स्थित शिविर में एसपी सिटी मानुष पारीक ने स्वयं श्रद्धालुओं को फल और पेय पदार्थ वितरित किए। ट्रैफिक कंट्रोल के लिए वन-वे व्यवस्था लागू की गई और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और पुलिस पिकेट्स की मदद से निगरानी रखी गई।
कांवड़ियों की श्रद्धा और सम्मान रविवार को भी आस्था की लहर दिखी। कछला से लौटे कांवड़ियों के जत्थे बनखंडी नाथ मंदिर पहुंचकर सोमवार सुबह अलखनाथ मंदिर के लिए रवाना हुए। कैंट क्षेत्र से गढ़मुक्तेश्वर के लिए रवाना हुए 30 कांवड़ियों को सद्भाव सेवा समिति ने पुष्पमालाओं से सम्मानित किया। वहीं पंजाबी युवा संगठन की 17वीं डाक कांवड़ यात्रा को महापौर डॉ. उमेश गौतम ने रवाना किया। जत्था सोमवार को धोपेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर यात्रा पूर्ण करेगा।
श्रावण सोमवार का यह धार्मिक आयोजन श्रद्धालुओं की आस्था, प्रशासन की तैयारी और शहर की गंगा-जमुनी तहजीब का सुंदर उदाहरण बनकर सामने आया। सुरक्षा, सेवा और श्रद्धा का यह संगम बरेली को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से और समृद्ध करता है।
बरैली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट