बरेली 107वें उर्स-ए-रज़वी के मौके पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के तत्वावधान में देश भर से आए उलमा की एक अहम बैठक ग्रांड मुफ्ती हाउस, सौदागरान बरेली में सम्पन्न हुई।
बरेली। 107वें उर्स-ए-रज़वी के मौके पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के तत्वावधान में देश भर से आए उलमा की एक अहम बैठक ग्रांड मुफ्ती हाउस, सौदागरान बरेली में सम्पन्न हुई। बैठक में उलमा ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि मुसलमानों के दरमियान तेजी से फैल रही बुराईयों के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुस्लिम एजेंडा को जारी किया। उन्होंने कहा कि समाज में दहेज़, फिजूलखर्ची, गैर-शरई रस्में और नशाखोरी जैसी बुराईयाँ गहरी पैठ बना चुकी हैं।
“आज मुसलमान शादियों को महंगा और दिखावटी बना चुके हैं। बारात, वलीमा और दहेज़ की नुमाइश शरीयत की नज़र में नाजायज है। यहाँ तक कि खड़े होकर खाना खिलाना भी गुनाह है। हमें इन सब से तौबा करनी होगी,” उन्होंने कहा।
शिक्षा और सियासत पर ज़ोर
मौलाना रज़वी ने तालीम और सियासत में बरेलवी जमात की पिछड़ने पर अफसोस जताते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि हर जिले में समाज सुधार कमेटी का गठन किया जाए और बरेलवी क़यादत को उभारा जाए।
उन्होंने कहा—“पैगम्बर-ए-इस्लाम ने शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। लेकिन आज मुसलमान तालीम के मैदान में सबसे पीछे हैं। हमें खुद अपने स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलनी होंगी। खासतौर पर लड़कियों के लिए अलग तालीमी इदारे बनाने होंगे, ताकि वो भी तरक्की कर सकें।”
आंदोलन के मुख्य एजेंडे
शादी-बिहा को आसान और कम खर्च वाला बनाना।
दहेज़ लेने-देने पर पूरी तरह रोक।
खड़े होकर खाने की परंपरा खत्म कर बैठकर खाना खिलाने की व्यवस्था।
फिजूल खर्ची, जलसा-जुलूस और उर्स में अनावश्यक दिखावे से परहेज़।
नौजवानों को नशे से दूर रखने के लिए इमाम और बुद्धिजीवियों को जिम्मेदारी निभानी होगी।
IAS, PCS, IPS जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सेंटर खोलना।
गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा व कोचिंग उपलब्ध कराना।
बरेलवी राजनीति में भी लेंगे हिस्सा
मौलाना रज़वी ने कहा कि अब बरेलवी सिर्फ मज़हबी और तालीमी नहीं बल्कि सियासी मैदान में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। हर जिले में नेतृत्व को तैयार किया जाएगा ताकि मुसलमानों की सही नुमाइंदगी हो सके।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना अब्दुल हमीद नूरी, हाफिज नूर अहमद अजहरी, हाजी नाजिम बेग, मौलाना मुजाहिद हुसैन, मौलाना फारूख रज़वी, मौलाना अकबर अली, शाहिद रज़वी सहित कई उलमा मौजूद रहे।
बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट