बरेली स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डॉ. अनीस बेग द्वारा एक भव्य मुशायरे का आयोजन किया गया।
बरेली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डॉ. अनीस बेग द्वारा एक भव्य मुशायरे का आयोजन किया गया। “एक शाम एकता के नाम” शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से आए मशहूर शायरों ने अपने अशआर और नज़्मों के ज़रिए श्रोताओं का दिल जीत लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री राजपाल कश्यप रहे।
मुशायरे की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भारत माता को समर्पित नज़्म से हुई। देशभक्ति से लबरेज़ शेर-ओ-शायरी ने दर्शकों के दिलों में नई ऊर्जा और उत्साह भर दिया।
इस मौके पर डॉ. अनीस बेग ने क्षेत्रवासियों को आज़ादी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “जश्न-ए-आज़ादी केवल एक उत्सव नहीं बल्कि एकता, भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल है। शायरी हमारी संस्कृति का आईना है जो इंसानियत और अमन का संदेश देती है।”
महफ़िल में वसीम बरेलवी, शबीना अदीब, नदीम फारुख, मंज़र भोपाली, खुर्शीद हैदर, मनिका दुबे, चिराग शर्मा, हाशिम फिरोजाबादी, बिलाल सहारनपुरी, हिमांशी बाबरा, मोहन मुन्तजिर, मध्यम सक्सेना, इब्राहिम अली, जीशान, आरिश हाफ़ी, राहिल बरेलवी और शाइस्ता सना सहित देशभर के कई नामचीन शायरों ने अपनी शायरी से समां बाँधा। उनके कलामों में मोहब्बत, इंसानियत और लोकतंत्र की महत्ता का गहरा संदेश था।
वसीम बरेलवी के अशआर से लेकर मंज़र भोपाली और नदीम फारुख की ग़ज़लों तक, हर शेर ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, नई पीढ़ी के शायरों ने भी अपनी कलम से अमन और भाईचारे की आवाज़ बुलंद की।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, साहित्य प्रेमी और युवा मौजूद रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती, विशिष्ट अतिथि सुमैया रानी, शिव चरण कश्यप, शमीम खान सुलतानी, डॉ. सुप्रिया ऐरन, डॉ. आई.एस. तोमर, डॉ. सबीना खान सहित कई प्रमुख हस्तियां भी कार्यक्रम में शामिल हुईं।
भरे हुए मैदान में देर रात तक तालियों की गूंज रही और जश्न-ए-आज़ादी का यह मुशायरा बरेली की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यादगार बन गया।
बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट