Bareilly News : श्री रामलीला कमेटी में दो धड़े लगे एक दूसरे पर आरोप
बरेली (अशोक गुप्ता )- बरेली जिले की 160 पुरानी श्रीरामलीला कमेटी बमनपुरी में दो धड़े हो गए हैं और दोनों धड़े के पदाधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
इनका कहना है कि यह विवाद कमेटी के आय व्यय के हिसाब को लेकर है। खास बात यह है कि हर साल फाल्गुन माह में श्री राम लीला का मंचन होता है लेकिन इस बार रामलीला का आयोजन पुरानी कमेटी करेगी और नई कमेटी केवल सहयोग करेगी। श्री रामलीला कमेटी ब्रम्हपुरी द्वारा विश्व की धरोहर रामलीला जो कि संपूर्ण भारतवर्ष में होली के अवसर पर बरेली में मनाई जाती है जो फागुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से प्रारंभ होकर चैत माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को इसका विश्राम होता हो यह लगभग 160 वर्ष से मनाई जा रही है श्री रामलीला कमेटी द्वारा कुछ अनियमितताओं के कारण चुनाव ना होने के कारण पुरानी रामलीला कमेटी का कार्यकाल पूरा हो जाने के कारण एक संचालन समिति का गठन किया गया । जिसके कार्यकारी अध्यक्ष विवेक शर्मा सहसंचालक पंकज मिश्रा एडवोकेट व 11 सदस्यों की कार्यकारिणी बनाई गई जब संचालन समिति जो कि अस्थाई रूप से बनाई गई थी के द्वारा पुराने कार्यवाही रजिस्टर ब वित्तीय लेखा जोखा मांगा गया सहसंचालक पंकज मिश्रा एडवोकेट व 11 सदस्यों की कार्यकारिणी बनाई गई जब संचालन समिति जो कि अस्थाई रूप से बनाई गई थी के द्वारा पुराने कार्यवाही रजिस्टर ब वित्तीय लेखा जोखा मांगा गया तब पुरानी श्री रामलीला कमेटी द्वारा रजिस्टर व वित्तीय लेखा – जोखा देने में असमर्थ रही इस कारण अस्थाई संचालन समिति द्वारा वित्तीय लेखा – जोखा व पुराने कार्यवाही रजिस्टर ना होने के कारण अपने ऊपर भार लेने से मना कर दिया । परंतु फिर भी एक प्रेस विज्ञप्ति विगत वर्षों से चली आ रही रामलीला कमेटी द्वारा कुछ दैनिक समाचार पत्रों में दे दी गई इस वर्ष अस्थाई संचालन समिति रामलीला करवाएगी जो कि पूर्णता गलत है इसकी गहन जांच जो कि व्यक्तिगत रूप से संचालन समिति द्वारा की गई उसमें यह भी अनियमितता पाई गई की पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अनिल मिश्रा एडवोकेट के अथक प्रयासों द्वारा यूनेस्को द्वारा 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल किया गया था और 2015 में इसे विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया गया था । जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस रामलीला को विश्व धरोहर घोषित होने के उपरांत संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ₹ 100000 का अनुदान प्रतिवर्ष दिए जाने की घोषणा की और श्री रामलीला कमेटी के अकाउंट में ₹ 100000 आने लगा परंतु वित्तीय अनियमितताओं के कारण सरकार द्वारा उक्त अनुदान दिया जाना बंद कर दिया गया । यह भी संज्ञान में आया है कि श्री अनिल मिश्रा एडवोकेट की मृत्यु वर्ष 2015 में हो गई है । परंतु फिर भी 2004 से लेकर 2023 तक श्री रामलीला कमेटी के पंजीकृत प्रमाण पत्रों में आज भी स्वर्गीय अनिल मिश्रा एडवोकेट का नाम दर्ज है जबकि वर्ष 2015 में स्वर्गीय अनिल मिश्रा की मृत्यु के बाद वर्ष 2018 में श्री रामलीला कमेटी द्वारा स्वर्गीय अनिल मिश्रा एडवोकेट को अध्यक्ष दिखाते हुए रामलीला कमेटी का कार्यकाल वर्ष 2023 तक के लिए रिन्यू करा लिया गया । संज्ञान में यह भी आया है कि श्री रामलीला कमेटी के निवर्तमान कोषाध्यक्ष व महामंत्री द्वारा अपना इस्तीफा निवर्तमान अध्यक्ष को दे दिया गया है इस्तीफे के साथ किसी भी प्रकार का कार्यवाही रजिस्टर वित्तीय लेखे जोखे का कोई स्पष्ट प्रमाण प्रमाणिकता के आधार पर नहीं दिया है जिस कारण पुराने कोष के बारे में नवगठित अस्थाई संचालन समिति को कोई भी ज्ञान नहीं है । समिति भगवान श्री राम की रामलीला कराने को तैयार है जो कि विश्व धरोहर है हिंदू समाज की शान है हिंदू समाज का गौरव है रामलीला का मंचन अवश्य होगा इसमें कोई किसी प्रकार का संदेह नहीं है चाहे इस रामलीला को अस्थाई संचालन समिति व क्षेत्र के क्षेत्रवासी अपने स्तर से कराएंगे यदि पुरानी श्री रामलीला कमेटी इस रामलीला को अपने स्तर से कराना चाहती है तो क्षेत्रवासियों व संचालन समिति जो कि नव गठित की गई थी को कोई भी परेशानी नहीं है परंतु अंतिम समय पर महामंत्री व कोषाध्यक्ष का इस्तीफा मीटिंग में उपस्थित ना होना अध्यक्ष को दिया जाना और किसी शंका का विषय है विश्व की धरोहर ब्रम्हपुरी की रामलीला जो कि विगत 160 वर्षों से होती चली आ रही है अवश्य ही क्षेत्र वासियों के सहयोग से की जाएगी ।