बरेली। तौकीर के आह्वन पर जुटी भीड़ और उसके बाद हुए बवाल के बाद मंगलवार की रात आला हजरत खानदान की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया गया।
बरेली। तौकीर के आह्वन पर जुटी भीड़ और उसके बाद हुए बवाल के बाद मंगलवार की रात आला हजरत खानदान की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि बरेली के मुसलमानों को मुसलमान होने की सामूहिक सजा दी जा रही है।
आरोप लगाया कि पुलिस रस्सी का सांप बना रही है। तमंचे, पेट्रोल बम और तेजाब की बोतलों से हमले के आरोप को भी झूठा बताया। दहशत और बुलडोजर एक्शन नहीं रोका गया तो जल्द कोई ठोस फैसला लेंगे।
दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में तौसीफ मियां ने खानदान के लोगों का बयान पढ़कर सुनाया। जिसमें कहा गया कि बरेली के मुसलमानों को मुसलमान होने की कलेक्टिव पनिश्मेंट यानी सामूहिक सजा दी जा रही है।
पेट्रोल बम, तेजाब की बोतल, तमंचे से हमले का आरोप लगाकर रस्सी का सांप बना दिया। बयान में इंदिरा मार्केट के पास वायरल एक वीडियो का भी जिक्र किया गया। वीडियो का हवाला देकर कहा कि मुसलमानों पर कुछ लोग पथराव करते नजर आ रहे हैं।
लिहाजा मुसलमानों और पुलिस पर पथराव एक साजिश के तहत किया गया। मगर पुलिस जानबूझकर इससे नजर फेर रही है। बरेली में लगातार बेगुनाह मुसलमानों को गिरफ्तार किया जा रहा है।थानों में मीडिया के सामने उनकी परेड कराई जा रही है। जिसमें वह ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। उन्हें खाने पीने तक को नहीं दिया जा रहा है।
बेनगुनाह मुसलमानों के घर खड़े किए बुलडोजर
बुलडोजर की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए कहा गया कि शहर में बेगुनाह मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर खड़े कर दिए गए और तोड़ फोड़ की अवैध कार्रवाई की जा रही है। इतना ही नहीं दबिश के दौरान मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों पर जुल्म किया जा रहा है। बच्चों तक से मारपीट की जा रही है।
मस्जिद के इमामों का हो रहा उत्पीड़न
मस्जिदों में दबिश देकर इमामों और मुअज्जिनों का उत्पीड़न किया जा रहा है,खौफजदा करने वाली इस कार्रवाई की वजह से कई मस्जिदों में नमाजे तक नहीं हो पा रही हैं।जो अपने मजहब पर अमल करने के संवैधानिक अधिकार का खुला हनन है। पुलिस नमाज पढ़ने के समय और तरीके तक पर आपत्ति कर रही है। पुलिस की ज्यादती से न सिर्फ बरेली में खौफ का माहौल है बल्कि पूरे मुल्क और दुनिया भर में करोड़ों सुन्नी मुसलमानों में बेचैनी है।
कार्रवाई रुके नहीं तो करेंगे ठोस फैसला
मांग की गई कि बेगुनाह मुसलमानों की गिरफ्तारी और पुलिस की मनमानी दबिशों को फौरन रोका जाए। बेगुनाह मुसलमानों पर दर्ज मुकदमे तुरंत वापस लेकर उनको रिहा किया जाए। बुलडोजर कार्रवाई भी फौरन रोकी जाए और दहशत का माहौल खत्म किया जाए।
अगर हमारी ये मांगे फौरन कुबूल नहीं की गईं तो जल्द ही ठोस फैसला लिया जाएगा। बयान जारी करने वालों में दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां,काजी ए हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां, मन्नान मियां, अंजुम मियां,सिराज मियां, अदनान मियां, अब्दुल्ला मियां, हन्नान रजा खान, इकान रजा खान शामिल रहे।
बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट