बरेली। जनपद बरेली के मीरगंज में सरकारी धान क्रय केंद्रों पर भ्रष्टाचार और बिचौलियों की मिलीभगत से किसान बेहाल हैं।

बरेली। जनपद बरेली के मीरगंज में सरकारी धान क्रय केंद्रों पर भ्रष्टाचार और बिचौलियों की मिलीभगत से किसान बेहाल हैं। शनिवार को स्थिति उस वक्त बिगड़ गई जब कई दिनों से धान की तौल कराने के लिए चक्कर काट रहे किसानों का सब्र टूट गया और उन्होंने क्रय केंद्र पर जमकर हंगामा कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही केंद्र प्रभारी ने पुलिस को बुला लिया, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

जानकारी के मुताबिक, जिस व्यापारी का धान किसानों से खरीद कर सरकारी केंद्र पर बिक्री हेतु बोरों में भरा जा रहा था, वह हंगामे के दौरान मौके से फरार हो गया। मीरगंज तहसील कार्यालय के पास नगर पंचायत मीरगंज द्वारा बनाए गए मछली बाजार में फिलहाल पांच सरकारी धान क्रय केंद्र संचालित हैं—जिनमें चार खाद्य विभाग के और एक यूपीएसएस का है।

गांव चुरई दलपतपुर निवासी विशाल कुमार गंगवार ने बताया कि वह 22 अक्टूबर को धान लेकर केंद्र पर पहुंचा था, लेकिन प्रभारी ने धान में “कंडुआ” बताकर तौल से मना कर दिया।

जबकि उससे भी निम्न गुणवत्ता का धान सरकारी बोरियों में भरा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र प्रभारी और बिचौलियों की सांठगांठ से किसानों का शोषण किया जा रहा है। “रात में कमीशन लेकर व्यापारियों का धान तौला जाता है, जबकि असली किसान लाइन में खड़े रह जाते हैं,” उन्होंने कहा।

गांव परौरा निवासी जीवन राम मौर्य ने बताया कि वह भी कई दिनों से सैंपल लेकर केंद्र के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी तौल नहीं की जा रही। वहीं अरविंद कुमार ने कहा कि कई दिनों की मशक्कत के बाद जाकर उनके धान की तौल शुरू हुई। पूर्व प्रधान प्रेमशंकर गंगवार ने भी आरोप लगाया कि रात में दुकानों में रखे व्यापारियों के धान की तौल की जा रही है।

किसानों ने यह भी खुलासा किया कि 40 किलो के बोरे में 40 किलो 800 ग्राम तक धान तौला जा रहा है, जिसमें अतिरिक्त वजन बोरे और लेबर चार्ज के नाम पर वसूला जा रहा है। इससे किसानों को सीधा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दूसरी ओर, केंद्र प्रभारी रजनी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “केंद्र पर व्यापारियों से धान नहीं खरीदा जा रहा, बल्कि किसान ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही धान लेकर आते हैं। धान में गीलापन और स्टॉक अधिक होने की वजह से तौल में देरी हो रही है। किसानों के आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं।”

मीरगंज क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि धान क्रय केंद्रों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ईमानदार किसानों को उनका हक मिल सके।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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