बरेली। पुलिस का हाथ काटने की धमकी देने वाले डॉ. नफीस अब वक्फ घोटाले में फंसे, पत्नी संग फर्जीवाड़े का आरोप
बरेली/आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के करीबी और विवादित चेहरा डॉ. नफीस खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अब उन पर वक्फ संपत्ति हड़पने और फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा जमाने का गंभीर आरोप लगा है।
किला थाना क्षेत्र के मोहल्ला साहूकारा निवासी मोहम्मद कमर अख्तर ने डॉ. नफीस और उनकी पत्नी फरहत बेगम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके परिवार की वक्फ संपत्ति पर फर्जी कागजात तैयार कर कब्जा कर लिया।
कमर अख्तर के अनुसार, उनकी दादी नन्हों कुजडी ने बमनपुरी में वक्फ संख्या 26ए पर करीब 95 वर्ग गज मकान और पांच दुकानें बनवाई थीं। यह संपत्ति उन्होंने अपने मुंहबोले भाई साबिर हुसैन और उनके तीन बेटों के नाम वसीयत कर दी थी।
आरोप है कि डॉ. नफीस ने वर्ष 1996 में साजिशन साबिर हुसैन के बेटे साकिर हुसैन को भरोसे में लेकर उक्त संपत्ति को अपनी पत्नी के नाम 30 साल की लीज पर करवा लिया। शाकिर हुसैन की मौत के बाद डॉ. नफीस और फरहत बेगम ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर संपत्ति अपने बेटों नौमान और फरहान खान के नाम गिफ्ट डीड करवा ली।
पीड़ित ने पुलिस से संपत्ति वापस दिलाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने शिकायत पर धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि यही वही डॉ. नफीस हैं जिन पर 26 सितंबर को शहर में बवाल कराने, फर्जी हस्ताक्षर करने, और पुलिस का हाथ काटने की धमकी देने जैसे संगीन आरोप पहले से दर्ज हैं।
बवाल के बाद नगर निगम ने पहलवान साहब की मजार के पास की अवैध दुकानों की पैमाइश कर उन्हें सील किया था। इसी क्षेत्र में डॉ. नफीस के करीबी पार्षद अनीस सकलैनी संगठन के कार्यक्रमों का संचालन करता पाया गया।
शहर में बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने एसआईटी गठित की है, जिसमें एसओजी, सर्विलांस, साइबर सेल और मीडिया सेल के अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी एक महीने में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा है कि “शहर की शांति भंग करने वालों और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट
