बरेली (भोजीपुरा), 4 अगस्त 2025 — बरेली जिले के भोजीपुरा क्षेत्र में स्थित A-One हॉस्पिटल में एक दिल दहला देने वाली चिकित्सकीय लापरवाही सामने आई है।

बरेली (भोजीपुरा), 4 अगस्त 2025 — बरेली जिले के भोजीपुरा क्षेत्र में स्थित A-One हॉस्पिटल में एक दिल दहला देने वाली चिकित्सकीय लापरवाही सामने आई है।

दहिया गांव निवासी गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टर द्वारा की गई भारी चूक के चलते नवजात शिशु की मौत हो गई और महिला की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि A-One हॉस्पिटल के डॉक्टर शाबाज़ ने ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया।

डिलीवरी के बाद बिगड़ती रही हालत, A-One अस्पताल ने नजरअंदाज़ किया दर्द

परिवार के अनुसार, महिला को डिलीवरी के लिए A-One हॉस्पिटल भोजीपुरा में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद ही महिला को पेट में असहनीय दर्द, टांकों से खून बहना और संक्रमण की शिकायतें होने लगीं। बार-बार शिकायत के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरती और इलाज में रुचि नहीं दिखाई।

जब स्थिति और बिगड़ गई, तो परिजन महिला को एक दूसरे निजी अस्पताल में लेकर गए। वहां दोबारा ऑपरेशन किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने महिला के पेट से सड़ा हुआ कपड़ा निकाला। इस लापरवाही के चलते नवजात की भी मौत हो गई। यह सब सामने आने के बाद A-One हॉस्पिटल भोजीपुरा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

पुलिस में दर्ज हुई FIR, A-One अस्पताल पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं

पीड़ित परिवार ने भोजीपुरा थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि अब तक डॉ. शाबाज़ या A-One हॉस्पिटल प्रबंधन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। परिजनों का कहना है कि वे इस मामले में न्याय मिलने तक पीछे नहीं हटेंगे।

CMO की जांच टीम सक्रिय, A-One हॉस्पिटल हो सकता है सील

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है और डिप्टी सीएमओ की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम गठित कर दी गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जांच में A-One हॉस्पिटल और डॉक्टर दोषी पाए गए, तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर उसे सील कर दिया जाएगा।

A-One हॉस्पिटल, भोजीपुरा में हुई यह घटना केवल एक महिला की जिंदगी नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़ा करती है। यह दर्शाता है कि किस प्रकार निजी अस्पतालों में लापरवाही और बिना नियंत्रण के कार्यशैली ने मरीजों की जान को जोखिम में डाल दिया है। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस पर कितनी सख्त कार्रवाई करता है और क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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