Bareilly-बरेली-* रक्षाबंधन की परंपरा
1.कपिल पटेल जो 100%बविकलांग आयु 21बर्ष ने अपनी बहिन अनामिका से राखी बंधवाई। 2. हिन्दू मुस्लिम एकता का मिशाल कायम रखने वाले परिवार करीब पचास साल से राखी बाध रहे है
जो तारादेवी ,जसोदादेवी,गीतकुमारी,अनवर वेग के राखी बांधती हैं।इससे पहले इनके परिवार की इन लड़कियों की बुआ अनवर बेग के अब्बू के राखी बांधती थी । 3.सतयुग में एक दैत्यों का राजा बलि यज्ञ कर रहा था।एक दिन भगवान नारायण उसकी परीक्षा लेने की इच्छा से बलि के यहां वामन का रूप धारण कर तीन पग पृथ्वी मांगने लगे।दैत्य गुरु शुक्राचार्य के मना करने पर भी बलि ने तीन पग पृथ्वी देने का संकल्प ले लिया वामन भगवान ने 2पग में पृथ्वी आकाश दोनों ही नाप लिए कम पड़ने पर तीसरा पग अपने सिर पर रखवा कर भगवान विष्णु को प्रसन्न कर लिया और नारायण ने वर मांगने को कहा उसने माँगा कि पाताल में जहाँ मैं रहूँगा वहीँ आप भी रहे भगवान ने उसके साथ रहना स्वीकार लिया।और वहीं रहने लगे लक्ष्मी को पता चला कि भगवान बलि के साथ रहने लगे तो एक गरीब नारी का रूप7 धारण कर लक्ष्मी जी भी बलि के यहाँ पहुंच गयीं और बलि को अपना परिचय देते हुए कहा कि ये(नारायण)मेरे पति हैं आप2 ही समझिये पति के बिना स्त्री कैसे रह सकती है नारायण को साथ ले जाने को कह दिया।और लक्ष्मी जी ने बलि के साथ भाई बहिन का संबंध बना लिया और बलि के हाथ में एक रक्षा सूत्र बाँध दिया तो बलि ने राखी के बदले में कुछ मांगने को कहा तो लक्ष्मी ने कहा जब मुझे कुछ देना ही चाहते हो तो मेरा पति मुझे वापस दे दीजिए(और नारायण ने वलि को बरदान देते हुए कहा कि आषाढ़ कृष्णा एकादशी से कार्तिक शुकला दशमी तक मैं तुम्हारे पास(पाताल में शयन किया bhi करूँगा।तभी से देव शयनी एकादशी, श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन, व देव उष्ठान एकादशी होते हैं।
पं०प्रभाकान्त मिश्र
संपादक गोपाल चंद्र अग्रवाल,(बरेली से नीरज सिंह ) की रिपोर्ट !