“अनंतरंग 2025”: भारत का पहला सांस्कृतिक मानसिक स्वास्थ्य महोत्सव

“अनंतरंग 2025”: भारत का पहला सांस्कृतिक मानसिक स्वास्थ्य महोत्सव जावेद अख्तर ने किया ‘अनंतरंग’ का उद्घाटन, संस्कृति के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य पर नई सोच
मुंबई (अनिल बेदाग): विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर वेल्सपन फाउंडेशन ने मुंबई में ‘अनंतरंग’ का पहला संस्करण आयोजित किया — यह मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित भारत का पहला सांस्कृतिक महोत्सव था। सहारा स्टार में हुए इस आयोजन का उद्घाटन प्रसिद्ध कवि और गीतकार जावेद अख्तर तथा वेल्सपन वर्ल्ड के एपेक्स सदस्यों ने किया।इस अनोखे मंच ने कला, संवाद और अनुभव के जरिये मानसिक स्वास्थ्य पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
अनंतरंग में 600 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें कलाकार, शिक्षक, मनोवैज्ञानिक, नीति निर्माता और सृजनकर्ता शामिल थे।
यह मंच केवल चिकित्सा या नीति से आगे बढ़कर, भारतीय संस्कृति, पारिवारिक ढांचे और परंपराओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को समझने का प्रयास था।
वेल्सपन ग्रुप के प्रेसिडेंट और चीफ कल्चरल ऑफिसर दीपक कश्यप ने कहा, “भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अभी भी झिझक है। अनंतरंग का उद्देश्य है इसे केवल व्यक्तिगत या चिकित्सकीय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक प्राथमिकता के रूप में देखना। यह इस बात से जुड़ा है कि हम कैसे जीते हैं, काम करते हैं और एक-दूसरे की देखभाल करते हैं।” उन्होंने बताया कि महोत्सव ने विज्ञान और संस्कृति के संगम से मानसिक स्वास्थ्य को साक्ष्य-आधारित रूप में प्रस्तुत किया।
महोत्सव के दौरान आठ विशेष सत्र आयोजित हुए, जिनमें विशेषज्ञों और कलाकारों ने मानसिक स्वास्थ्य के विविध पहलुओं पर गहन चर्चा की:
कविता, दृष्टिकोण और मन: जावेद अख्तर और दीपक कश्यप ने बताया कि साहित्य और कविता कैसे सहानुभूति और आत्म-खोज का माध्यम बन सकते हैं।
अख्तर ने कहा, “अच्छा साहित्य पढ़ने से सहानुभूति बढ़ती है — यह हमें दूसरों को समझने की क्षमता देता है।” तनुजा चंद्रा, ग़ज़ल ढलिवाल और सुमोना चक्रवर्ती ने सिनेमा की भूमिका पर चर्चा की कि कैसे फिल्में समाज में समझ और करुणा को बढ़ा सकती हैं। असीम सरोडे, विश्वजीत देशमुख, स्‍वप्निल पांगे और रूपा चौबल ने कानून, नीति और चिकित्सा को जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: