60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025

प्रेस विज्ञप्ति – दूसरा दिन 2
60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025
13–17 अक्टूबर 2025; इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा
“प्रदर्शनी का स्केल और तेजी से बदलती परिस्थितियों के अनुकूल निर्यातकों में बदलाव सराहनीय”**

उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री, श्री नंद गोपाल ‘नंदी’ ने आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 का दौरा किया।

आज मेले का दौरा करने वाले गणमान्य अतिथियों में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन /निर्यात आयुक्त और आईडीसी श्री आलोक कुमार शामिल

प्रसिद्ध उद्योग विशेषज्ञों की उपस्थिति में पैनल चर्चा का आयोजन, सूचनापरक पैनल चर्चा में बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की

दिल्ली/एनसीआर – 14 अक्टूबर 2025– उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री नंद गोपाल ‘नंदी’ ने ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में चल रहे आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 का दौरा किया। उन्होंने प्रदर्शनी का भ्रमण किया, प्रदर्शकों से बातचीत की और इस आयोजन में स्पष्ट तौर पर दिख रही इस सेक्टर की ऊर्जा और प्रतिस्पर्धा की भावना की सराहना की।

उनका स्वागत हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना; ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार; ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता; ईपीसीएच के मुख्य संयोजक श्री अवधेश अग्रवाल; आईएचजीएफ दिल्ली फेयर–ऑटम 2025 के अध्यक्ष श्री रजत अस्थाना; उपाध्यक्षगण – श्री सिमरदीप सिंह कोहली, श्री रोहित धल्ल; तथा ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक,श्री आर. के. वर्मा द्वारा किया गया।

ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “आईएचजीएफ दिल्ली फेयर–ऑटम 2025 के दूसरे दिन कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय देशों से खरीदारों की भारी आवाजाही देखी गई, जिससे व्यावसायिक माहौल काफी व्यस्त रहा। उन्होंने नई रेंज की सराहना की और कुछ ने तो ऑर्डर भी फाइनल कर दिए हैं। इस ऐतिहासिक संस्करण की थीम को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और मेले में आगंतुकों और प्रदर्शकों को दी जा रही सुविधाओं को भी सराहा गया है। पहली बार आए कई खरीदारों ने कहा कि आईएचजीएफ दिल्ली फेयर का प्रत्यक्ष तौर पर अनुभव करना बहुत जरुरी है। जिससे इसके जीवंत हस्तशिल्प उद्योग की झलक मिल सके।”

नीदरलैंड्स से आए हांस होल्टरमैन इस मेले में लगातार पांचवीं बार आए हैं। उन्होंने बताया कि वे भारत से फर्नीचर खरीदने के इच्छुक हैं और ऑर्डर फाइनल कर रहे हैं। उन्होंने मेले की नई सजावट और बेहतर खरीदार सेवाओं की भी प्रशंसा की। भारतीय शिल्पकला से सजे सजावटी उत्पादों के लिए आईं फ्रांस की खरीदार लोपेज मैरिएन ने मेले को ऊर्जा से भरा, जीवंत और सुंदर रूप से सजाया हुआ बताया।

दक्षिण कोरिया के नियमित खरीदार सैमसन ने इस अवसर पर साझा किया कि वे भारत इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें यहां के उत्पादों की गुणवत्ता और डिज़ाइन पसंद है। इस बार वे विशेष रूप से पीतल और एल्युमिनियम से बने घरेलू जीवनशैली उत्पादों की खरीद के लिए आए हैं।

ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि कैसे नियमित खरीदार इस मेले के माध्यम से भारतीय हस्तशिल्प व्यापार से जुड़ गए हैं। “कुछ खरीदार गुणवत्ता और विविधता की सराहना करते हैं, जबकि कुछ भारतीय व्यवसायों के संचालन के तरीके की प्रशंसा करते हैं। मेले की तरह ही हस्तशिल्प क्षेत्र ने डिज़ाइन, उत्पादन, मार्केटिंग और तकनीक जैसे सभी पहलुओं में समावेश की भावना और प्रगति के साथ निरंतर विकास किया है। भारत में वर्षों से व्यापार कर रहे हमारे संरक्षक भारतीय विक्रेताओं की परिष्कृत कार्यशैली में आए बदलावों को प्रत्यक्ष रूप से देख चुके हैं। उनका कहना है कि पिछले दशक में भारतीय उत्पादों की क्वालिटी और डाइवर्सिटी दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है क्योंकि निर्माता निर्माण से लेकर निर्यात तक की पूरी प्रक्रिया का विशेष ध्यान रखते हैं।”

इस मौके पर ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता ने गणमान्य व्यक्तियों के दौरे के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “आज का दिन विशेष रहा क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन, उत्तर प्रदेश सरकार/निर्यात आयुक्त, आईडीसी श्री आलोक कुमार और सुश्री मेधा रूपम, आईएएस जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) ने भी मेले का दौरा किया।”

अपनी बात को विस्तार देते हुए श्री मेहता ने बताया कि जो प्रदर्शक लगातार आईएचजीएफ दिल्ली फेयर में भाग ले रहे हैं, उन्हें आज हस्तशिल्प क्षेत्र के एंबैसेडर के रूप में सम्मानित किया गया। इसके जरिए शो से उनके लंबे समय से रहे जुड़ाव का सम्मान किया गया। इस सम्मान समारोह में ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना; ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार; ईपीसीएच के मुख्य संयोजक श्री अवधेश अग्रवाल; ईपीसीएच के पूर्व अध्यक्ष एवं सीओए सदस्य श्री राज के मल्होत्रा, श्री रवि के पासी, श्री नवेद उर रहमान और ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा उपस्थित रहे ।

सम्मानित व्यक्तियों में सुश्री सिमरन, मेसर्स सेंचुरी एक्सपोर्ट्स इंक, मुरादाबाद; श्री गगन दुग्गल, मेसर्स दुग्गल संस, मुरादाबाद; श्री सतीश धीर, मेसर्स हाईलैंड एक्सपोर्ट्स, मुरादाबाद; श्री इकराम उल हक, मेसर्स हक ब्रदर्स, मुरादाबाद; श्री विनय गुलाटी, मेसर्स गुलाटी एक्सपोर्ट्स, मुरादाबाद; श्री विकास अरोड़ा, मेसर्स गिल्डार्ट, मुरादाबाद और श्री अनुज गर्ग, मेसर्स गर्ग संस एक्सपोर्ट्स, मुरादाबाद शामिल रहे ।

आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 के अध्यक्ष श्री रजत अस्थाना ने बताया, “आगामी दिनों में ऐसे और सेमिनार और चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। इनका उद्देश्य निर्यातकों और व्यवसायों को विकास और तकनीक आधारित नवाचार के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन देना है।”

इस अवसर पर ईपीसीएच के मुख्य संयोजक श्री अवधेश अग्रवाल ने बताया, कि आज नॉलेज सत्रों की शुरुआत की गयी है। इसकी शुरुआत “बियॉन्ड सीज़न्स: ट्रेंड्स फॉर नेक्स्ट जेनरेशन” विषयक एक शानदार पैनल चर् से की गयी। यह पैनल चर्चा आज के तेजी से बदलते समय में तकनीकी रूप से अत्यंत प्रासंगिक है। अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि “इस सत्र का हिस्सा प्रख्यात इंडस्ट्री विशेषज्ञ रहे जिनके पास अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव और व्यावहारिक जानकारी है। उन्होंने दर्शकों को बांधे रखा। बातचीत में एआई के उपयोग से रुझानों की पहचान, रैपिड वैरिएंटिंग, मटीरियल इवैल्युएश और मांग का पूर्वानुमान जैसे विषयों को शामिल किया गया ताकि सेक्टर में होने वाले जोखिम को कम किया जा सके।”

इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने कहा, “मेले में क्षेत्रीय प्रदर्शन और लाइव शिल्प प्रदर्शन ने आगंतुकों के मनोबल को ऊंचा किया है। मेला परिसर के केंद्रीय क्षेत्र में, स्थानीय रूप से प्राप्त कच्चे माल और पारंपरिक कौशल में विशेषज्ञता रखने वाले कारीगरों, डिज़ाइनरों और उद्यमियों ने अपने संग्रह प्रस्तुत किए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने की उम्मीद रखते हैं। उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और कुछ ने खरीदारों के साथ आगे की योजना के लिए नेटवर्किंग भी की है।”

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा।

कोमल,मिगलानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: