Bareilly-जी ० एस ० टी ० कांउसिल की दिनांक 17.09.2021 को लखनऊ में सम्पन्न 45 वीं बैठक
Bareilly-जी ० एस ० टी ० कांउसिल की दिनांक 17.09.2021 को लखनऊ में सम्पन्न 45 वीं बैठक में भट्ठे में निर्मित लाल ईंटों पर जीएसटी कर दर में अत्यधिक वृद्धि का प्रस्ताव नितान्त अन्यायपूर्ण एवं अव्यवहारिक होने के कारण वापस लिये जाने हेतु निवेदन ।
सादर निवेदन है कि जी ० एस ० टी ० कांउसिल की 45 वीं बैठक में पारित प्रस्ताव की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हुई । भट्ठे में निर्मित लाल ईंटो पर दो प्रकार के अव्यवहारिक एवं अनुचित कर दर वृद्धि प्रस्ताव को वापस लिये जाने हेतु हमारा कथन निम्न प्रकार है 1- सरकार भली प्रकार अवगत है कि विगत दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण जहां एक ओर ईंट व्यवसाय पूरी तरह चौपट और घाटे में है , वहीं दूसरी ओर जनसाधारण का भी काम – काज बुरी तरह से प्रभावित होने के कारण वित्तीय स्थिति खराब है । ऐसे हालात में जनसाधारण के निर्माण की मूलभूत आवश्यकता ईटों पर कर दर बढ़ाने का प्रस्ताव जनविरोधी है । 2- माननीय प्रधानमंत्री जी का सपना सबका घर हो 2022 में अपना हो पाना ऐसी परिस्थिति में सपना ही रह जायेगा । सालाना टर्नओवर पर जी ० एस ० टी ० में कर मुक्त के लिये 20 लाख रूपये सालाना टर्नओवर तक साथ घोर अन्याय है । 3- आप अवगत हैं कि मैन्युफैक्चरर्स सेक्टर 40 लाख तक है । इसके बावजूद उपरोक्त बैठक में ईंट निर्माताओं करमुक्त का प्रस्ताव किया गया है जो कि ईंट भट्ठे के 4 ईंट निर्माताओं के लिये जी ० एस ० टी ० में वर्तमान में 1.50 करोड़ टर्नओवर तक कम्पोजीशन सीमा हैं जिसमें 01 प्रतिशत की कर दर है । कांउसिल की 45 वीं बैठक में बिना आईटीसी लिए कर दर 06 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है तथा सामान्य रूप से ईटों पर कर दर 05 प्रतिशत है , जिसे 12 प्रतिशत किये जाने का प्रस्ताव है । ये दोनों वृद्धि दर प्रस्ताव निश्चय ही उद्योग व जनहित के विरूद्ध है । इसका सीधा प्रभाव ईंटों की कीमतों पर पड़ेगा । माननीया , सर्वविदित हैं कि वर्तमान में मिट्टी की दीवाल बनाकर आवास बनाना बन्द हो चुका है । और निर्माण के लिये भट्ठे में निर्मित लाल ईंटो का दूसरा विकल्प जनसाधारण के लिये उपलब्ध नहीं है । तात्पर्य है कि ईंटें विकास के साथ – साथ मान जीवन की मूलभूत जीवनपयोगी आवश्यकता है । इसलिये ईंटों पर इस प्रकार बिना सोच – विचार के अव्यवहारिक एवं मनमानी कर दर वृद्धि गलत एवं अन्यायपूर्ण है । अतः उपरोक्त व्यवहारिक तथ्यों के साथ आपसे निवेदन है कि पूरे भारतवर्ष में लगभग 03 करोड़ बेरोजगार भूमिहीन निर्बल वर्ग के श्रमिकों को रोजगार देने वाले भट्ठा उद्योग तथा आम जनहित में ईंटों पर कर वृद्धि प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुये आगामी 02 सीजन वर्ष के लिये ईंट बिक्री को • जी 0 एस 0 टी 0 में कर मुक्त घोषित करने की कृपा करें । धन्यवाद सहित प्रतिलिपि 1- वाणिज्य कर एवं उद्योग राज्य मंत्री भारत सरकार नई Högst Aflas भवदीय // ST 7 डा ० हार्जी आफताब
बरेली से अमरजीत सिंह की रिपोर्ट !