15वें वित्‍त आयोग ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ बैठक की

15वें वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष श्री एन.के. सिंह की अध्‍यक्षता में आयोग के सदस्‍यों और वरिष्‍ठ अधिकारियों की जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत के नेतृत्‍व वाले दल के साथ आज एक बैठक का आयोजन किया गया।

जल शक्ति मंत्रालय ने वर्ष 2024 तक एक मिशन मोड में, विशेष रूप से जल जीवन मिशन के लिए धन की जरूरतों के बारे में अपना ब्‍यौरा प्रस्‍तुत किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मार्च 2018 में हुई बैठक में यह निर्देश दिया गया था कि 15वें वित्‍त आयोग से यह अनुरोध किया जाए कि वह राज्‍यों को विशेष क्षेत्रों और स्‍वास्‍थ्‍य एवं स्‍वच्‍छता में हस्‍तक्षेपों के लिए कुछ विशेष राशि निर्धारित करने  का निर्देश दे। अनुवर्ती कार्रवाई में आज जल शक्ति मंत्रालय ने अब तक की अपनी उपलब्धियों और अपनी जरूरतों के बारे में वित्‍त आयोग को जानकारी दी।

मंत्रालय के अनुसार जल जीवन मिशन (जेजेएम) पूर्ववर्ती राष्‍ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्‍ल्‍यूपी) पहुंच से अलग है, क्‍योंकि इसमें परियोजना के नियोजन और कार्यान्‍वयन में ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाता है। जेजेएम में वित्‍त पोषण परिणामों के अनुरूप है। अच्‍छा कार्य प्रदर्शन करने वाले राज्‍य को अधिक धन मिलता है, जबकि कमजोर प्रदर्शन करने वाले राज्‍यों का हिस्‍सा घट जाता है। इसके अलावा स्थिरता पर अधिक ध्‍यान केन्द्रित किया गया है और ओएंडएम के वित्‍त पोषण तथा प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी है। जल संरक्षण के लिए आईईसी पर जोर दिया गया है।

मंत्रालय ने अनुमान लगाया है शत-प्रतिशत पाइप जल आपूर्ति (पीडब्‍ल्‍यूएस) की अनुमानित लागत 7.88 करोड़ (राज्‍य से वास्‍तविक डीपीआर पर आधारित) है। मंत्रालय ने 15वें वित्‍त आयोग के माध्‍यम से जल स्‍वच्‍छता और साफ-सफाई वित्‍त पोषण की जरूरत पर जोर दिया है। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने भी अपनी धन की जरूरतों के लिए आयोग के समक्ष  अपनी प्रस्‍तुति दी है।

आयोग ने जल शक्ति मंत्री और उसके दल द्वारा पेश किए गए विवरण को नोट किया है तथा केन्‍द्र सरकार को भेजी जाने वाली अपनी रिपोर्ट में सभी सिफारिशों के बारे में ध्‍यानपूर्वक विचार करने का वायदा किया है।

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