भ्रष्ट ड्रग कंट्रोलर की ₹2.58 Cr संपत्ति कुर्क
🚨 ₹5.78 करोड़ की संपत्ति कुर्क: ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन और सहयोगी पर ED का शिकंजा; PMLA के तहत शिमला और पंचकूला में कार्रवाई
डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ED), शिमला सब ज़ोनल ऑफिस ने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ED ने हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन और उनकी सहयोगी कोमल खन्ना से जुड़ी ₹2.58 करोड़ की 02 अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से कुर्क (provisionally attached) कर दिया है।
यह कुर्की प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत 02.12.2025 को की गई है।
🏠 कुर्क की गई संपत्तियाँ और कुल अटैचमेंट
कुर्क की गई दो अचल संपत्तियों में शामिल हैं:
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पंचकूला, हरियाणा के सेक्टर-20 में एक आवासीय फ्लैट (Residential Flat)।
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शिमला, हिमाचल प्रदेश में एक आवासीय भवन (Residential Building)।
इससे पहले जून 2025 में, ED ने तलाशी अभियान के दौरान ₹3.20 करोड़ की चल संपत्तियाँ (ज्वैलरी/वाहन) और बैंक बैलेंस ज़ब्त/फ्रीज किए थे।
कुल अटैचमेंट/सीज़र (आज तक): ₹5.78 करोड़
🔍 भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का तरीका
ED ने यह जांच राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (SV&ACB), हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIRs के आधार पर शुरू की थी।
1. ड्रग कंट्रोलर का पद का दुरुपयोग:
ED की जांच में सामने आया कि निशांत सरीन ने नाहन, बद्दी और सोलन सहित विभिन्न स्थानों पर ड्रग इंस्पेक्टर/असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के रूप में अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया। उन्होंने फार्मास्युटिकल निर्माताओं और वितरकों से अवैध रिश्वत (illegal gratification) प्राप्त की।
2. कोमल खन्ना की कंपनियों को फायदा:
यह भी खुलासा हुआ कि निशांत सरीन की धमकी/डर (threat/intimidation) के तहत, कई फार्मास्युटिकल कंपनियों को ज़ेनिया फार्मास्यूटिकल्स (Zhenia Pharmaceuticals), पंचकूला और निया फार्मा (Nia Pharma), पंचकूला के साथ व्यापार करने के लिए मजबूर किया गया था। ये दोनों संस्थाएं कोमल खन्ना द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित की जाती थीं।
3. संपत्ति का सृजन (Generation of POC):
निशांत सरीन और कोमल खन्ना द्वारा इस तरह से अर्जित ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ (Proceeds of Crime – POC) को फिर निजी संपत्ति, बैंक जमा और कोमल खन्ना के नाम पर तथा निशांत सरीन के परिवार के सदस्यों के नाम पर अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में लगाया गया था।
📑 एक के बाद एक कई FIR
निशांत सरीन और उनके सहयोगियों पर एक के बाद एक कई गंभीर आरोप लगे हैं:
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मूल FIR (2018): SV&ACB, HP पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 11 के तहत रिश्वतखोरी का मामला दर्ज।
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दूसरी FIR (2022): हरियाणा पुलिस द्वारा ज़ेनिया फार्मास्यूटिकल्स की साझेदारी विलेख (partnership deed) की जालसाजी (forgery), जबरन वसूली और धमकी से संबंधित मामला दर्ज।
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तीसरी FIR (2025): SV&ACB, HP पुलिस द्वारा ₹1,66,05,470/- की आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज।
निशांत सरीन को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल पाए जाने पर ED द्वारा 09.10.2025 को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत (judicial custody) में है।
आगे की जांच जारी है
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