₹66.93 Cr संपत्ति Axis Bank को लौटाई गई

🏦 एक्सिस बैंक को राहत: ED ने Saravana Stores घोटाले में कुर्क ₹66.93 करोड़ की संपत्ति बैंक को वापस लौटाई

PMLA की धारा 8(8) के तहत पहली बार किसी पीड़ित बैंक को मिली संपत्तियां, ₹81.90 करोड़ का हुआ था नुकसान

चेन्नई/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement – ED) ने एक अहम कदम उठाते हुए धोखाधड़ी से बैंक लोन लेने के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक्सिस बैंक (Axis Bank) को बड़ी राहत दी है। ED ने मेसर्स सरवणा स्टोर्स (गोल्ड पैलेस) और उसके भागीदारों के खिलाफ जांच के दौरान कुर्क की गई ₹66.93 करोड़ मूल्य की चार अचल संपत्तियों को बैंक को बहाल कर दिया है।

यह बहाली PMLA, 2002 की धारा 8(8) के तहत एक्सिस बैंक द्वारा दायर आवेदन के समर्थन में की गई है।

fraudulently धोखाधड़ी से लोन और NPA

  • जांच का आधार: ED ने यह जांच एक्सिस बैंक की शिकायत पर चेन्नई के सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB-1) में IPC की धारा 420 और 477A के तहत दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी।

  • आरोप: FIR के अनुसार, फर्म ने वित्तीय विवरणों में हेरफेर करके, इन्वेंट्री को बढ़ाकर और ऋण शर्तों का उल्लंघन करके एक्सिस बैंक से धोखाधड़ी से ₹118.88 करोड़ का लोन प्राप्त किया था।

  • फंड डायवर्जन: फर्म पर लोन राशि को व्यक्तिगत खातों में डायवर्ट करने, कार्यशील पूंजी (Working Capital) सीमा का दुरुपयोग करने और बड़ी रकम को कई खातों के माध्यम से रूट करने का आरोप था।

  • बैंक को नुकसान: 30 जुलाई 2019 को लोन खाता गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) बन गया, जिसे बाद में धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक (wilful default) के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे एक्सिस बैंक को ₹81.90 करोड़ का गलत नुकसान हुआ।

⚖️ ED की कार्रवाई और कुर्की

PMLA जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने व्यवस्थित रूप से फंड को व्यक्तिगत ऋणों को चुकाने के लिए व्यक्तिगत खातों और अन्य संस्थाओं में डायवर्ट किया।

  • कुर्की: ED ने दो अस्थाई कुर्की आदेशों (Provisional Attachment Orders) के माध्यम से ₹74.04 करोड़ (लगभग) मूल्य की 8 अचल संपत्तियां कुर्क की थीं, जिसे बाद में न्याय निर्णायक प्राधिकरण (Adjudicating Authority) ने पुष्टि कर दी थी।

  • चार्जशीट: ED ने 14.08.2024 को विशेष PMLA कोर्ट में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) भी दाखिल कर दी थी।

✅ पीड़ित बैंक को मिली संपत्ति

सार्वजनिक हित (Larger Public Interest) और पीड़ित बैंक के नुकसान को ध्यान में रखते हुए, एक्सिस बैंक ने PMLA की धारा 8(8) के तहत 4 अचल संपत्तियों की बहाली की मांग करते हुए विशेष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

  • ED का समर्थन: ED ने बैंक के आवेदन का समर्थन किया, क्योंकि कुर्की पीड़ित बैंक के लाभ के लिए की गई थी।

  • कोर्ट का आदेश: माननीय विशेष न्यायालय ने 04 सितंबर 2025 को अपने आदेश से ₹66.93 करोड़ मूल्य की चार संपत्तियों को एक्सिस बैंक को बहाल करने का आदेश दिया।

यह कार्रवाई दिखाती है कि PMLA के तहत की गई कुर्की का अंतिम उद्देश्य न केवल अपराध से प्राप्त आय (POC) को जब्त करना है, बल्कि जहां संभव हो, पीड़ितों को हुए नुकसान की भरपाई करना भी है।


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