सरकारी पेंशन के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे गैंग का आंवला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।

बरेली। सरकारी पेंशन के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे गैंग का आंवला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह जिंदा लोगों को कागज़ों में मृत दिखाकर फर्जी विधवा और वृद्धावस्था पेंशन पास कराता था। इसी खेल में अब तक 1.23 करोड़ रुपये उड़ाए जा चुके हैं। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने मामले का खुलासा किया।

पेंशन का मीठा चारा डाल गिरोह लोगों का आधार कार्ड और कागज़ात जुटाता था। फिर जनसेवा केंद्र पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी तैयार करवा दिए जाते। किसी को मृत दिखाकर उसके नाम पर पेंशन स्वीकृत कराई जाती, और रकम सीधे अपने तथा परिचितों के बैंक खातों में डाल दी जाती थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि गैंग पिछले चार साल से सक्रिय था। अब तक 56 लोगों को विधवा पेंशन और दो को वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर फर्जी लाभार्थी बनाकर रकम हड़पी गई।

गिरफ्तार युवकों में बसंत विहार कॉलोनी निवासी हरीश कुमार, मोहल्ला शास्त्रीगली का शांति स्वरूप, बिलौरी निवासी मुनीष और सेंधा, भमोरा निवासी प्रमोद शामिल हैं। इनमें से हरीश जनसेवा केंद्र और एसबीआई मित्र चलाता था। दस्तावेजों की जालसाजी का काम वहीं से होता था। जबकि शांतिस्वरूप, मुनीष और प्रमोद गांव–गांव घूमकर गरीब और अनपढ़ लोगों को “पैसा डबल स्कीम” और “महामाया योजना” जैसे नामों का लालच देकर आधार कार्ड व दस्तावेज जुटाते थे।

पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों की छह कॉपियां बरामद की हैं। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है। कुछ पर पहले भी मामले दर्ज मिल चुके हैं। इस कार्रवाई में राजेश बाबू मिश्रा, सचिन कुमार, अमरीश शर्मा, राजेश रावत और इंद्रपाल सिंह समेत पुलिस टीम के कई जवान शामिल रहे। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।

 

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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