बैंक धोखाधड़ी केस: लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने पूर्व एसबीआई अधिकारियों को 3 साल की सजा सुनाई!
सीबीआई कोर्ट (पश्चिम), लखनऊ ने आज यानी 04.11.2025 को बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराया, जिनके नाम हैं सुभाष चंद्र अग्रवाल, सेवानिवृत्त उप प्रबंधक, एसबीआई, लखनऊ, जॉय चक्रवर्ती, डेस्क अधिकारी, सीपीसी, एसबीआई, एलएचओ, लखनऊ और एक निजी कंपनी मेसर्स अड्यापोलो प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड। आरोपी सुभाष चंद्र अग्रवाल, सेवानिवृत्त उप प्रबंधक, एसबीआई, लखनऊ और जॉय चक्रवर्ती, डेस्क अधिकारी, सीपीसी, एसबीआई, एलएचओ, लखनऊ को तीन साल के कारावास और प्रत्येक पर 30000/- रुपये का जुर्माना लगाया गया। आरोपी निजी कंपनी मेसर्स अड्यापोलो प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। चौथे आरोपी क्रांति कुमार सिंह, आरोपी निजी कंपनी के निदेशक की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई।केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26.03.2010 को एसबीआई मुख्य शाखा, लखनऊ के डीजीएम की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि मेसर्स अड्यापोलो प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ के निदेशक श्री क्रांति कुमार सिंह ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर षडयंत्र रचकर झूठे और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 5.70 करोड़ रुपये का सावधि ऋण (टीएल) लिया और एसबीआई, मुख्य शाखा, लखनऊ को उक्त राशि तीन फर्जी इकाइयों मेसर्स जसोदा ग्लोबल मार्केटिंग, मेसर्स आर.के. ट्रेडर्स और मेसर्स संभव एंटरप्राइजेज के पक्ष में जारी करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपर्युक्त आपूर्तिकर्ता इकाइयों के खातों का संचालन किया, टीएल की राशि का दुरुपयोग किया और जिस उद्देश्य के लिए इसे स्वीकृत किया गया था, उसमें इसका उपयोग नहीं किया और इस प्रकार बैंक को परिणामी नुकसान पहुँचाया।जांच के बाद, सीबीआई द्वारा 29.11.2011 को निम्नलिखित के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया: 1. क्रांति कुमार सिंह, निदेशक, मेसर्स अड्यापोलो प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, 2. मेसर्स अड्यापोलो प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, 3. सुभाष चंद्र अग्रवाल, सेवानिवृत्त उप प्रबंधक, एसबीआई, लखनऊ, 4. जॉय चक्रवर्ती, डेस्क अधिकारी, सीपीसी, एसबीआई, एलएचओ, लखनऊ।
माननीय न्यायालय ने सुनवाई के बाद अभियुक्तों को दोषी ठहराया और तदनुसार सजा सुनाई।
