बेंगलुरु: MUDA घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), बैंगलोर क्षेत्रीय कार्यालय ने जीटी दिनेश कुमार (पूर्व-एमयूडीए आयुक्त) के विरुद्ध माननीय LXXXI
अतिरिक्त नगर सिविल एवं सत्र न्यायाधीश एवं सांसदों/विधायकों के मामलों की सुनवाई हेतु विशेष न्यायालय, बेंगलुरु
(सीसीएच-82) की अदालत में 14/11/2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अवैध एमयूडीए स्थल आवंटन घोटाले के संबंध में अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है। इस मामले में जाँच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों और दस्तावेजों से पता चला है कि जीटी दिनेश कुमार आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एमयूडीए, मैसूर में व्यापक धन शोधन योजना में सक्रिय रूप से शामिल थे। ईडी ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मुडा स्थलों के बड़े पैमाने पर अवैध आवंटन के आरोपों पर जाँच शुरू की। ईडी की जाँच में विभिन्न क़ानूनों और सरकारी आदेशों/दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके और अन्य धोखाधड़ी के तरीकों से मुडा स्थलों के आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाले का पता चला। पूर्व मुडा आयुक्त जीटी दिनेश कुमार की भूमिका अयोग्य संस्थाओं/व्यक्तियों को मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के रूप में सामने आई है। जाँच के दौरान नकद, बैंक हस्तांतरण, चल/अचल संपत्तियों के रूप में अवैध आवंटन करने के लिए रिश्वत लेने के संबंध में साक्ष्य एकत्र किए गए हैं।
अवैध आवंटन करने के तौर-तरीकों में अयोग्य लाभार्थियों की पहचान करना और सरकारी आदेशों का सीधा उल्लंघन करते हुए फर्जी दस्तावेजों/अधूरे दस्तावेजों का उपयोग करके आवंटन करना और कुछ मामलों में आवंटन पत्रों की पिछली तारीखें लगाना शामिल था। इन अवैध आवंटनों के लिए प्राप्त राशि एक सहकारी समिति और जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों/सहयोगियों के बैंक खातों के माध्यम से भेजी गई, जिन्होंने आवंटन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रकार प्राप्त राशि का उपयोग जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों के नाम पर अवैध रूप से आवंटित कुछ MUDA साइटों को खरीदने के लिए किया गया। इससे पहले, जाँच के दौरान, जीटी दिनेश कुमार को 16/09/2025 को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। यह बताना उचित होगा कि ईडी ने इस मामले में अब तक अवैध रूप से आवंटित MUDA की 283 साइटों और मनी लॉन्ड्रिंग से प्राप्त 3 अन्य अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनका बाजार मूल्य लगभग 450 करोड़ रुपये है।
आगे की जाँच जारी है।
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