बरेली में मेट्रो योजना तेज !

बरेली में मेट्रो चलाने की कवायद तेज हो गई है। राइट्स ने प्राथमिक डीपीआर तैयार कर ली है, जिसके अनुसार प्रति किलोमीटर 250-280 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। डिपो का स्थान बैरियर-टू के पास तय किया गया है। एयरफोर्स से मंजूरी मिलने के बाद डीपीआर शासन को भेजी जाएगी। पहले चरण में दो कोच की मेट्रो चलेगी, जिससे प्रति घंटे 14-16 हजार यात्री सफर कर सकेंगे। राइट्स ने दो मार्गों पर मेट्रो चलाने की संभावना जताई है। शहर में मेट्रो दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है। राइट्स ने प्राथमिक डीपीआर लगभग तैयार कर ली है। इसमें प्रति किलोमीटर लगभग 250 से 280 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना जताई गई है। इसमें स्टेशन का विकास भी शामिल है।जबकि बिना स्टेशन-जंक्शन के विकास के यह धनराशि डेढ़ सौ करोड़ आने की संभावना जताई गई है। अधिकारियों के अनुसार डिपो का स्थान बैरियर- टू के पास तय कर लिया गया है।अब एयरफोर्स की ओर से फनल जोन में ऊंचाई से जुड़े बिंदुओं पर क्लीयरेंस मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को शासन को प्रेषित कर दिया जाएगा। इसके लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह तक शेष प्रक्रिया पूरी होने की संभावना जताई गई है।

शासन से स्वीकृति मिलने के बाद बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने मेट्रो के संचालन से पहले डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी मेट्रो निर्माता विशेषज्ञ राइट्स को दी है। राइट्स ने कई चरणों की सर्वे के बाद 22 किमी. के दो रूट पर मेट्रो संचालन की संभावना जताई है।

इसमें पहले चरण में दो कोच की मेट्रो होगी, यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ इसकी संख्या आठ कोच तक भी बढ़ाई जा सकेगी। इसमें प्रतिघंटे 14 से 16 हजार यात्री आवागमन कर सकेंगे। बीडीए उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. ने बताया कि राइट्स की ओर से सर्वे कर डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

इसके लिए डिपो के लिए तय स्थान पर एयरफोस के साथ फनल जोन को लेकर मंथन किया जा रहा है। एयरफोर्स की डिपो निर्माण पर सहमति के साथ ही मेट्रो के डीपीआर को शासन की स्वीकृति को भेज दिया जाएगा।

अध्ययन के दौरान पता लगा कि प्रदेश में कहीं भी लाइट मेट्रो परियोजना संचालित नहीं है। यूपी के कानपुर, लखनऊ समेत देश के विभिन्न महानगरों में मेट्रो परियोजनाएं ही चल रही हैं। अब बरेली में भी मेट्रो चलाने की संस्तुति करते हुए राइट्स ने बीडीए उपाध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट को मंडलायुक्त के सामने रखा जाएगा।

अंतिम निर्णय वही लेंगी। इसके लिए प्रारंभिक आकलन के साथ प्रस्तावित मार्ग पर मेट्रो का ट्रैक बनाने के लिए मिट्टी की जांच की जा चुकी है।

बताया कि विशेषज्ञों ने प्रति किलोमीटर मेट्रो रूट की लागत करीब 250 से 280 करोड़ आने की संभावना जताई है। इसमें मिट्टी की खोदाई, पटरी निर्माण, पुल, सुरंग, पटरियां, स्टेशन, प्लेटफार्म, पार्किंग स्थल, प्रतीक्षालय और प्रशासनिक भवन, ओवरहेड विद्युतीकरण, आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली समेत अन्य कई आवश्यक कार्यों कराए जाएंगे।


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