बरेली में बन रहा भव्य नाथ धार्मिक सर्किट!

कमिश्नर के निर्देश पर नाथ कॉरिडोर निर्माण में तेजी, ₹50 करोड़ की परियोजना फरवरी 2026 तक पूरी होने की तैयारी

बरेली में विकसित किए जा रहे नाथ कॉरिडोर को गति मिल गई है। मंडलायुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी के निर्देश पर वनखंडीनाथ और अलखनाथ मंदिर में निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर कर दिया गया है। प्रशासन का लक्ष्य है कि ₹50 करोड़ की इस महत्वपूर्ण परियोजना को फरवरी 2026 तक पूरा कर शहर को एक भव्य महादेव धार्मिक सर्किट का स्वरूप दिया जाए

सात प्रमुख नाथ मंदिर एक ही धार्मिक सर्किट में

आस्था और पर्यटन को जोड़ने वाली इस परियोजना के तहत बरेली के सात प्रमुख नाथ स्थलों—
अलखनाथ, तपेश्वरनाथ, पशुपतिनाथ, धोपेश्वरनाथ, वनखंडीनाथ, त्रिवटीनाथ और तुलसी मठ—को एक ही सर्किट में जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही कांवड़ स्थल को भी शामिल कर पूरे क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं, सौंदर्यीकरण और यात्री सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।

अधिकारियों ने मौके पर ही निपटाई रुकावटें

निर्माण में आ रही दिक्कतें मंडलायुक्त तक पहुंचीं तो उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप किया। निर्देश पर उप निदेशक पर्यटन रविंद्र कुमार ने मंदिरों में पहुंचकर सभी विवादों और तकनीकी अड़चनों का समाधान करा दिया। इससे अब कॉरिडोर के कार्यों की रफ्तार बढ़ गई है।

सरकार का लक्ष्य—आध्यात्मिकता, संस्कृति और रोजगार

योगी सरकार का उद्देश्य केवल मंदिरों का सौंदर्यीकरण नहीं, बल्कि बरेली के ऐतिहासिक नाथ धाम की विरासत को आधुनिक स्वरूप देकर

आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना,
युवाओं को **सांस्कृतिक धरोहर** से जोड़ना
और हजारों स्थानीय लोगों के लिए रोजगारके नए अवसर तैयार करना है।

नाथ परंपरा को उत्तर भारत की सांस्कृतिक रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाथनगरी बरेली को विश्वस्तरीय धार्मिक केंद्र बनाने पर विशेष जोर दिया है।

कांवड़ स्थल पर तेज़ी से निर्माण, सावन में मिलेगा लाभ

बदायूं रोड पर ₹4 करोड़ की लागत से कांवड़ स्थल विकसित किया जा रहा है। सावन में यहां लाखों शिवभक्तों की भीड़ को देखते हुए

विशाल हाल,
पुरुष-महिला परिसर,
विश्राम स्थल
और अन्य आवश्यक सुविधाएं
तेजी से तैयार की जा रही हैं।

स्थानीय व्यापार और युवाओं को मिलेगा बड़ा फायदा

प्रशासन का दावा है कि नाथ कॉरिडोर के पूरा होने के बाद शहर में धार्मिक पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ेगी। इससे

 होटल और लॉज,
यातायात सेवाएं,
भोजनालय,
फूल–प्रसाद विक्रेताओं
और स्थानीय व्यापार
में बड़ा उछाल आएगा।

इससे हजारों युवाओं को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और बरेली की पहचान एक प्रमुख नाथ तीर्थ और आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित होगी।

वनखंडीनाथ प्राचीन मंदिर :  5 करोड़ 82 लाख 8 हजार रुपये से धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में उभर रहा है। फ्लोरिस्ट दुकानें और प्रसाद केंद्र के साथ इसका स्वरूप पूरी तरह बदलने जा रहा है।
तपेश्वर नाथ मंदिर :  8 करोड़ 36 लाख 98 हजार रुपये से मुख्य प्रवेश द्वार, विशाल स्टेज, भंडारा हाल और नए प्रसाद केंद्र के साथ इसे महादेव सर्किट में शामिल किया जा रहा है।
धोपेश्वर नाथ :  7 करोड़ 71 लाख 50 हजार रुपये से परिसर में पार्किंग, लाइब्रेरी, फ्लोरिस्ट शॉप और आकर्षक लैंडस्केपिंग के साथ यह स्थान पर्यटक अनुकूल धार्मिक केंद्र बनाया जा रहा है।
तुलसी मठ :  9 करोड़ 71 लाख 74 हजार रुपये से वैदिक लाइब्रेरी, मुख्य द्वार, मंच और धर्मशाला के साथ इस स्थल को वैदिक शोध व आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की तैयारी चल रही है।
पशुपतिनाथ मंदिर :  दो करोड़ 98 लाख 93 हजार रुपये की लागत से संरचनात्मक कार्यों से इसकी प्राचीनता को आधुनिक सुविधाओं के साथ जोड़ा जा रहा है। मुख्यद्वार के साथ फोकस वाल का भी निर्माण कराया जा रहा है।
अलखनाथ मंदिर :  इस मंदिर में 11 करोड़ 67 लाख 40 हजार रुपये की लागत से वैदिक लाइब्रेरी, आस्था पथ, भव्य द्वार और विस्तृत लैंडस्केपिंग के साथ यह बरेली का सर्वाधिक विकसित धार्मिक स्थल बन जाएगा।
त्रिवटीनाथ मंदिर :  छह करोड़ 55 लाख 65 हजार रुपये की लागत से प्रसाद केंद्र, फ्लोरिस्ट शाप और विशाल सत्संग मंडप के साथ यह स्थल भक्तों की सुविधाओं के लिए एक आदर्श माडल बनेगा।

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