बरेली बवाल आरोपी नदीम को राहत नहीं!
हाई कोर्ट ने बरेली बवाल के आरोपी नदीम को झटका, FIR रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज
इलाहाबाद बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के मुख्य आरोपी नदीम को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत नहीं मिल पाई है। कोर्ट ने उसकी ओर से दाखिल एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने माना कि आरोपी पर लगे आरोप अत्यंत गंभीर हैं और मामले में गहन विवेचना आवश्यक है।
राज्य सरकार का पक्ष – भीड़ ने तेजाब और फायरिंग से पुलिस पर हमला किया
अपर शासकीय अधिवक्ता (प्रथम) परितोष कुमार मालवीय ने कोर्ट को बताया कि—
प्रदर्शनकारियों ने उन्मादी और भड़काऊ नारे लगाए।
पुलिस को रोकने पर भीड़ ने तेजाब फेंका, जिससे दो कांस्टेबल घायल हुए।
पुलिस पर फायरिंग भी की गई।
पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ दी गई।
भीड़ बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहती थी और नदीम उसका नेतृत्व कर रहा था।
उन्होंने बताया कि इसी मामले में अन्य आरोपितों की याचिकाएं पहले ही खारिज की जा चुकी हैं।
याचिकाकर्ता का दावा – झूठा फंसाया गया
नदीम के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि वह घटना में झूठा फंसाया गया है और उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर आधारहीन है। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट का निर्णय
पीठ ने कहा—
प्रथमदृष्टया आरोप गंभीर हैं।
मामले में विस्तृत विवेचना आवश्यक है।
FIR रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं।
इस प्रकार याचिका सीधे खारिज कर दी गई।
26 सितंबर का पूरा मामला
कानपुर में I Love Mohammad” वाले बैनर के जुलूस पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर बरेली के इस्लामिया कॉलेज ग्राउंड में बड़ा प्रदर्शन आयोजित हुआ।
जुलूस में शामिल लोगों ने ‘सर तन से जुदा जैसे आपत्तिजनक नारे लगाए।
पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ हमलावर हो गई।
पुलिस पर ईंट–पत्थर, तेजाब, और \फायरिंग\की गई।
इस मामले में पुलिस ने 52 नामजद साथ ही अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
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