प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम ने अपनी शुरुआत से अब तक 34.13 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया

यूट्यूब और ओटीटी सहित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ‘मन की बात’ के श्रोताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ जमीनी स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों को सामने लाने व राष्ट्र निर्माण में नागरिकों की भागीदारी को प्रेरित करने वाले राष्ट्रीय मंच के रूप में अग्रणी बनी हुई है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम देश भर में हो रहे सकारात्मक बदलावों को प्रदर्शित करने तथा नागरिकों को भारत की विकास यात्रा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अद्वितीय मंच के रूप में कार्य करता है।

इस मासिक रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से, प्रधानमंत्री शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नवाचार और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले भारतीयों की प्रेरक कहानियां साझा करते हैं।

वे युवाओं, किसानों, महिलाओं, कारीगरों, उद्यमियों, खिलाड़ियों और स्वयं-सहायता समूहों द्वारा संचालित जमीनी स्तर की पहलों और समुदाय-आधारित प्रयासों पर प्रकाश डालते हैं। ये कहानियां अक्सर दूरदराज और विविध क्षेत्रों से जुड़ी होती हैं, जो राष्ट्र की समृद्ध और समावेशी भावना को दर्शाती हैं।

मन की बात कार्यक्रम देश की उपलब्धियों और इतिहास के गुमनाम नायकों के योगदान की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है। समय के साथ, ‘मन की बात’ कार्यक्रम राष्ट्र-निर्माण के एक सशक्त माध्यम के रूप में विकसित हुआ है जो भारत की विविधता, मजबूती और सामाजिक प्रतिबद्धता का जश्न मनाने वाली कहानियों के माध्यम से जन-संवाद को आकार देता है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम आकाशवाणी द्वारा बिना किसी अतिरिक्त व्यय के मौजूदा आंतरिक संसाधनों का लाभ उठाते हुए तैयार किया गया है और इसने अपनी शुरुआत से अब तक 34.13 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम के साथ श्रोताओं का जुड़ाव पारंपरिक और डिजिटल प्लेटफार्मों पर कई रूपों में होता है।

दर्शकों का एक बड़ा हिस्सा आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) पर यह कार्यक्रम सुनता है। इसे आकाशवाणी के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेटवर्क पर सीधा प्रसारित किया जाता है। स्थानीय श्रोताओं तक पहुंचने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में भी यह कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है।

यह कार्यक्रम दूरदर्शन के विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय भाषा के चैनलों पर भी प्रसारित होता है। दूरदर्शन चैनलों के अलावा, डीडी फ्री डिश, 48  आकाशवाणी रेडियो चैनल और 92 निजी टेलीविजन चैनल भी प्रदान करता है, जिससे यह कार्यक्रम ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों सहित देश भर के दर्शकों के लिए सुलभ हो जाता है। मन की बात का दृश्य प्रारूप, कार्यक्रम को सबके साथ मिलकर देखने के अनुभव के साथ सामूहिक चिंतन और चर्चा को बढ़ावा देकर दर्शकों की सहभागिता को बढ़ाता है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर श्रोताओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण और संग्रह यूट्यूब चैनलों (जैसे पीएमओ इंडिया, आकाशवाणी, आदि) और प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स पर किया जाता है।

साथ ही “न्यूज़ऑनएयर” मोबाइल ऐप के 260 से अधिक आकाशवाणी चैनलों पर भी यह उपलब्ध रहता है। संबद्ध प्लेटफॉर्म और चैनलों पर व्यापक प्रसार के लिए इसे प्रसार भारती के समाचार प्लेटफॉर्म पीबी शब्द पर भी उपलब्ध कराया जाता है।

इस कार्यक्रम को भारत और दुनिया भर के श्रोता फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी व्यापक रूप से सुन रहे हैं। नियमित रूप से सुनने और देखने के अलावा, MyGov पोर्टल के माध्यम से लोग इस कार्यक्रम के लिए सुझाव देकर, प्रधानमंत्री को पत्र या ईमेल लिखकर और ध्वनि संदेश रिकॉर्ड करके भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

संस्थागत एवं ग्रामीण परिवेश में, स्कूल, ग्राम पंचायत, स्वयं-सहायता समूह और गैर-सरकारी संगठन अक्सर नागरिक जागरूकता और सामुदायिक चर्चा को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से इसे सुनने या टेलीविजन पर देखने की व्यवस्था करते हैं।

यह जानकारी आज सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने राज्यसभा में दी।

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