नीतीश कैबिनेट में 12 नए अप्रत्याशित चेहरे

बिहार मंत्रिमंडल में रामकृपाल, दीपक, रमा और श्रेयसी जैसे 12 अप्रत्याशित चेहरों को शामिल करने से राजनीतिक गलियारों में हलचल है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नीतीश कुमार की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना है। इस कदम से बिहार के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना है।नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद (Bihar CM Nitish Kumar) की शपथ ले ली है। इस बार उनकी टीम में 26 खिलाड़ी हैं। सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और विजय चौधरी जैस दिग्गज नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है। हालांकि, कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट में 12 नाम ऐसे भी हैं, जिन्होंने हर किसी को चौंका दिया है।

रामकृपाल यादव

दानापुर सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतकर आने वाले दिग्गज नेता रामकृपाल यादव को कैबिनेट में जगह मिली है। रामकृपाल यादव 1974 में मैट्रिक उत्तीर्ण हैं। 1978 में एएन कॉलेज से बीए की डिग्री ली। दो आराधिक मामले भी लंबित हैं। चल और अचल संपत्ति के मामले में पत्नी ज्यादा धनी हैं। उनके पास 14.16 लाख तो पत्नी के पास 30.27 लाख रुपये की चल संपत्ति है। लगभग एक लाख से थोड़ा अधिक मूल्य की एक जिप्सी भी है।नौबतपुर थाना क्षेत्र में लगभग सवा एकड़ कृषि योग्य भूमि भी है। पत्नी के पास एक करोड़ 55 लाख रुपये मूल्य की जमीन जमाल रोड सहित पटना के विभिन्न हिस्सों में है।

संजय सिंह टाइगर

आरा के विधायक संजय सिंह दूसरी बार विधानसभा में पहुंचे हैं। वहीं, उन्हें नीतीश कैबिनेट में भी जगह मिली है। भोजपुर के बिहिया प्रखंड अंतर्गत अमराई नवादा के निवासी 50 साल के संजय टाइगर ने पटना के एएन कॉलेज से स्नातक, एलएलबी और परा स्नातक की डिग्री हासिल की है। चार भाइयों में सबसे छोटे संजय के पिता बिहार महालेखापाल के कार्यलय में कार्यरत थे।

अरुण शंकर प्रसाद

बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद खजौली विधानसभा सीट से आते हैं। उन्होंने राजद के बृज किशोर यादव को 13 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार इस सीट पर कब्जा जमाया।

सुरेन्द्र मेहता

बछवाड़ा विधायक सुरेंद्र मेहता के राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से शुरू हुई थी। वे छात्र जीवन में एआईएसएफ से जुड़ गए थे। आगे चलकर कम्युनिस्ट पार्टी से भी जुड़े। वहीं, वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर तत्कालीन बरौनी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और हार गए।

फिर 2015 में बेगूसराय से चुनाव जीते और 2020 में बछवाड़ा से जीत हासिल की। वर्ष 2025 के 2025 के विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र मेहता ने अपनी पिछली परिणाम का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक लाख तीन सौ मत हासिल कर जबरदस्त जीत दर्ज कर ली।

नारायण प्रसाद

नौतन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए भाजपा नेता नारायण प्रसाद तेली (साहू) समाज से आते हैं और इस समुदाय में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। स्थानीय लोगों के बीच उन्हें नारायण प्रसाद साह नाम से भी जाना जाता है। नारायण प्रसाद दो भाई और दो बहन हैं। उनके भाई हरेंद्र प्रसाद अभी भी खेती किसानी करते हैं। एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल होने से उनके समर्थकों में काफी उत्साह है।

रमा निषाद

औराई विधानसभा सीट से वह पहली बार चुनी गईं रमा निषाद मुजफ्फपुर के पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी और कैप्टन जयनाराण निषाद की बहू हैं। वह हाजीपुर नगर परिषद की वार्ड पार्षद, उपाध्यक्ष और चेयरमैन रही हैं। उनके राजनीतिक जीवन को देखा जाए तो वह कहां कुढ़नी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी। इस बीच राजनीतिक स्थिति बदली।

भाजपा ने उन्हें औराई विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। शुरुआती विरोध के बाद चीजें वहां अनुकूल हुईं और सर्वाधिक मत के साथ विजयी हुईं। उसके बाद तो स्थिति यह हुई कि वह मंत्री पद तक पहुंच गईं। निषाद समुदाय को साधने के लिए बीजेपी ने यह दांव चला है।

लखेन्‍द्र कुमार रोशन

लखेन्द्र कुमार रोशन पातेपुर सीट से विधायक हैं। उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी RJD प्रत्याशी Prema Chaudhary को 22380 मतों से हराया।

श्रेयसी सिंह

जमुई विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बनीं श्रेयसी सिंह को नीतीश कैबिनेट में जगह मिल गई है। नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में वह सबसे युवा और इकलौता एथलीट चेहरा है। युवाओं खासकर खिलाड़ियों के लिए कुछ विशेष करने को लेकर हमेशा प्रयासरत रही हैं। क्षेत्र के विकास को लेकर उनकी गंभीरता की बुद्धिजीवियों के बीच प्रशंसा होती रहती है।

दीपक प्रकाश

नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी नई एनडीए सरकार में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। युवा नेतृत्व, तकनीकी पृष्ठभूमि और राजनीतिक सक्रियता को देखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना एनडीए की नई पीढ़ी को अवसर देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

संजय कुमार

बखरी विधानसभा सीट से LJPR की टिकट पर चुनाव जीते संजय कुमार को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है। बता दें कि संजय कुमार ने बखरी सीट पर सीपीआई के सूर्यकांत पासवान को चुनाव हराया।

सीपीआई के प्रत्याशी सूर्यकांत पासवान को 81193 मत मिले। इस तरह संजय कुमार 17318 मतों के अंतर से जीत गए। पिछले चुनाव की बात करें तो सूर्यकांत पासवान ने बीजेपी के रामशंकर पासवान को महज 777 मतों से हराया था।

प्रमोद कुमार

प्रमोद कुमार चंद्रवंशी नाम है पूरा। जहानाबाद के रहने वाले हैं। सरकार के मनोनयन पर विधायक कोटा से एमएलसी हैं।

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