नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल!
allrights संवाददाता(रोहिताश कुमार)बरेली नगर निगम बरेली के कर्मचारियों पर गंभीर फर्जीवाड़े और अभिलेखों में हेराफेरी के आरोप सामने आए हैं।
मामला भवन संख्या 252ए/294, शाहबाद, बरेली से संबंधित है, जहां एक ही मकान पर दो व्यक्तियों द्वारा हाउस टैक्स जमा करने का मामला उजागर हुआ है। आरोप है कि फर्जी तरीके से रसीद बनवाकर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मकान पर कब्जे की साजिश रची जा रही है। इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मुनीशा बानो पत्नी स्व. हाजी मुख्त्यार अहमद, हाल निवासी चक नवादा, बरेली ने नगर आयुक्त को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि नगर निगम के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों ने भूमाफिया आसिम से मिलीभगत कर अभिलेखों में हेराफेरी की है। प्रार्थिनी का नाम दो बार नगर निगम रिकॉर्ड से काटकर फिर चढ़ाया गया। इतना ही नहीं, प्रार्थिनी द्वारा जमा किए गए हाउस टैक्स की रसीद पर दूसरे व्यक्ति का नाम चढ़ा दिया गया, जबकि रसीद पर प्रार्थिनी की आईडी दर्ज है।
प्रार्थिनी के अनुसार
उन्होंने 22 सितंबर 2025 को नगर आयुक्त से तीन बिंदुओं पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी थी
हाउस टैक्स किसके नाम पर जमा हो रहा है?
नगर निगम में मालिकाना हक के अभिलेख किसके नाम चढ़े हैं?
भवन संख्या 252ए/294 का वास्तविक मालिक कौन है?
लेकिन 09 अक्टूबर 2025 तक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके बाद 10 अक्टूबर 2025 को प्रार्थिनी ने रिमाइंडर भी भेजा। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रार्थिनी का आरोप है कि नगर निगम कर्मचारियों द्वारा हेराफेरी छिपाने के उद्देश्य से रिपोर्ट जानबूझकर नहीं दी गई, जबकि यह सिर्फ तीन लाइनों की जानकारी भर थी। उन्होंने कहा कि फर्जी और झूठी रिपोर्ट बनाकर उन्हें हस्ताक्षर करने को कहा गया, लेकिन पढ़ने पर जब पूरा तथ्य सामने आया तो उन्होंने उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
पीड़िता ने नगर आयुक्त से तत्काल कार्रवाई, दोषी कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने तथा मकान से जुड़े सभी अभिलेख तलब करने की मांग की है।
इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह है कि निगम प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है।
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