ईडी ने भोपाल में पूर्व गैरिसन इंजीनियर धनंजय प्रसाद चतुर्वेदी की 1.31 करोड़ की संपत्ति कुर्क की !

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय ने धनंजय प्रसाद चतुर्वेदी और श्रीमती शिप्रा चतुर्वेदी की अचल और
चल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। ये संपत्तियां अनंतिम कुर्की आदेश (पीएओ) संख्या 13/2025 दिनांक 07.11.2025 के तहत कुर्क की गई हैं, जिनकी कुल कीमत 1.31 करोड़ रुपये है। ईडी ने धनंजय प्रसाद चतुर्वेदी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) के साथ 13(1)(बी) के तहत सीबीआई, एसीबी, भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद, सीबीआई ने दिनांक 18.06.2024 को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा
109 के अंतर्गत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) और 13(1)(ई) के साथ 13(2) के तहत सीबीआई मामलों की विशेष अदालत, भोपाल में आरोप पत्र/अंतिम रिपोर्ट संख्या 07/2024 दायर की। यह मामला तत्कालीन गैरिसन इंजीनियर (एमईएस) धनंजय प्रसाद चतुर्वेदी और उनकी पत्नी श्रीमती शिप्रा चतुर्वेदी द्वारा 1.38 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने से संबंधित है।
जाँच के दौरान, यह पाया गया कि धनंजय प्रसाद चतुर्वेदी और उनकी पत्नी के पास 1.38 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति थी, जो 01.04.2013 से 08.06.2022 की जाँच अवधि के दौरान उनकी ज्ञात आय के स्रोतों का 119.08% थी। जाँच में कई बैंक खातों में 46.12 लाख रुपये की संरचित नकद जमा राशि, उसके बाद अचल संपत्तियों और अन्य संपत्तियों में धन का स्तरीकरण और निवेश का पता चला। ये संपत्तियाँ आधिकारिक पद के दुरुपयोग, अस्पष्टीकृत नकद जमा, धन के स्तरीकरण और झूठी कृषि आय, आभूषणों की बिक्री और ट्यूशन आय जैसे काल्पनिक स्रोतों से उत्पन्न अपराध की आय से अर्जित पाई गईं। जाँच में आगे इन संपत्तियों को वैध संपत्ति के रूप में पेश करने के प्रयासों का भी पता चला। इस मामले में कुल कुर्की 1.31 करोड़ रुपये की है।

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