अल-फलाह यूनिवर्सिटी घोटाला: ईडी एक्शन!

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ईडी का बड़ा ऐक्शन: अल-फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार, 13 दिन की ईडी हिरासत

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अल-फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी** को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई **18 नवंबर 2025** को अल-फलाह समूह के विभिन्न परिसरों पर हुई तलाशी के दौरान मिले साक्ष्यों की गहन जांच के बाद की गई। ईडी ने अल-फलाह समूह के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में दर्ज दो एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की थी। इन मामलों में आरोप था कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने छात्रों और अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए NAAC और UGC मान्यता के झूठे व भ्रामक दावे किए।

मान्यता का फर्जी दावा, छात्रों को पहुंचाया नुकसान

एफआईआर के अनुसार, अल-फलाह विश्वविद्यालय ने खुद को UGC अधिनियम की धारा 12(बी) के तहत मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के रूप में प्रचारित किया, जबकि UGC ने स्पष्ट किया है कि—

विश्वविद्यालय केवल धारा 2(एफ) के तहत एक निजी राज्य विश्वविद्यालय* है
उसने कभी भी 12(बी) के तहत मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया
वह इस प्रावधान के तहत किसी भी अनुदान का पात्र नहीं है

इन फर्जी दावों का उद्देश्य छात्रों, अभिभावकों और आम जनता को गुमराह करके गलत तरीके से आर्थिक लाभ कमाना था।

19 स्थानों पर छापेमारी, 48 लाख नकद और कई डिजिटल सबूत जब्त

ईडी ने 18 नवंबर को दिल्ली के 19 ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की, जिसमें—

अल-फलाह विश्वविद्यालय परिसर
अल-फलाह समूह से जुड़े व्यक्तियों के आवास
शामिल थे।

छापेमारी के दौरान ईडी ने—

₹48 लाख से अधिक नकद
कई डिजिटल डिवाइस
वित्तीय दस्तावेज

और संदिग्ध लेनदेन के रिकॉर्ड
बरामद किए और जब्त कर लिए।

ईडी की जांच में सामने आया है कि अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति (अपराध की आय) अर्जित की गई और उसे पारिवारिक संस्थानों में ट्रांसफर करके layering की गई।

उदाहरण के तौर पर—

* निर्माण
* खानपान
* और अन्य सेवाओं के ठेके
जवाद सिद्दीकी द्वारा अपने परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों को दिए गए, जिससे करोड़ों रुपये निजी संस्थाओं में पहुंचाए गए।

जांच के दौरान समूह की कई शेल कंपनियों का भी खुलासा हुआ है।

सिद्दीकी की भूमिका साबित, ईडी ने की गिरफ्तारी

ईडी ने कहा कि साक्ष्यों से यह साफ हो गया है कि—

* ट्रस्ट के संचालन और फैसलों पर **पूरी तरह नियंत्रण जवाद अहमद सिद्दीकी** का था
* आपराधिक आय का सृजन, हस्तांतरण और छिपाने की प्रक्रिया में उनकी **सीधी भूमिका** रही
* पारिवारिक संस्थाओं को धन ट्रांसफर कर आर्थिक फायदा पहुंचाया गया

पूरी जांच और मजबूत साक्ष्यों के आधार पर उन्हें **18/11/2025** को पीएमएलए धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया।

13 दिन की ईडी हिरासत मंजूर

गिरफ्तारी के बाद सिद्दीकी को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां अदालत ने 13 दिनों की ईडी कस्टडी मंजूर कर दी है। ईडी अब धन शोधन के पूरे नेटवर्क, शेल कंपनियों और अवैध लेनदेन की परतों को खंगाल रही है।

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आगे की जाँच जारी है।

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