यूपी बोर्ड : 1,80,826 छात्रों ने क्यों नहीं दी परीक्षा ?
यूपी में मंगलवार यानि 6 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गयी हैं । प्रदेश में हर साल बड़ी संख्या में बोर्ड परीक्षा में बड़ी संख्या में विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं, लेकिन इस बार परीक्षा के पहले दिन ही बेहद चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। जानकारी के मुताबिक इस साल करीब 67 लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। परीक्षा के पहले दिन ही 1 लाख 80 हजार छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है। दावा किया जा रहा है कि ऐसा परीक्षा केन्द्रों पर नक़ल को रोकने वाली सख्ती की वजह से हुआ है।नक़ल के लिए बदनाम यूपी बोर्ड परीक्षा को देखते हुए, योगी सरकार ने कड़ी सख्ती के निर्देश जारी किए थे। । जिसमें सभी परीक्षा केन्द्रों पर CCTV कैमरे लगाने को जरूरी किया गया था ।
यूपी देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रदेश है। प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए 8517 बोर्ड परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। इसमें कुल 66 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हो रहे हैं। इस बार 10वीं में 36,55,691 छात्र शामिल है और 12वीं में 29,81,327 छात्र शामिल हैं। जिन छात्रों ने परीक्षा छोड़ी उनमें 12वीं के छात्रों की संख्या अधिक बताई जा रही है। इस बार परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों सहित, वीडियों रिकॉर्डिंग, बिजली के लिए जनरेटर की व्यवस्था कराई गई है।जिससे किसी भी हालत में परीक्षा के दौरान नकल न हो सके। लेकिन परीक्षा के पहले दिन ही 1 लाख 80 हजार परीक्षा छोड़ दी है। इसकी की मुख्य वजह योगी सरकार की सख्ती को माना जा रहा है ।
नकल करवाना बिजनेस
यूपी और बिहार बोर्ड में नकल करवाना बिजनेस माना जाता है। वहीं परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद नकल माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। इसी के साथ योगी सरकार की सख्ती का असर साफ देखने को मिल रहा है। वहीं यूपी बोर्ड ने नकल को लेकर गंभीरता दिखाते हुए काफी कड़े निर्देश दिए है । सरकार ने कहा है कि जिस भी केंद्र पर सामूहिक नकल करते पाया जाएगा, वहां के प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार नक़ल करने वाले और नक़ल करवाने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं।यही नही, नकल को रोकने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर तैनात कर्मचारियों को डीआइओएस द्वारा पहचान पत्र दिया है।परीक्षा के दौरान हर कर्मचारी को अपने साथ यह पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा।अगर जांच के दौरान परीक्षा केन्द्र पर बिना कार्ड के कोई संदिग्ध पाया गया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की। नकल रोकने के लिए 22 टीमें गठित की गई हैं। वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षा में सामूहिक नकल कराने की कोशिश में 3 लोग गिरफ्तार किए गए।
स्कूलों पर उठ रहे हैं सवाल
सरकार की सख्ती की वजह से नकल के भरोसे परीक्षा देने वाले छात्रों को मायूसी हाथ लगी है, लेकिन 2 दिनों में 5 लाख से ज्यादा छात्रों का यूं परीक्षा का छोड़ कर जाना ये गंभीर चिंता का विषय है। इससे तो जाहिर होता है कि क्या छात्र सिर्फ नकल के भरोसे ही परीक्षा देने आते हैं? आखिर स्कूलों में किस तरह की शिक्षा दी जाती है?