त्रिपुरा में रंग लाई बीजेपी की कड़ी मेहनत

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त्रिपुरा में लगभग 35 साल में पहली बार भाजपा को में इतनी बड़ी कामयाबी मिली है। 25 साल से लगातार सत्ता में रहा लेफ्ट यहां कमजोर हुआ है। इसके लिए भाजपा ने पिछले काफी समय से कड़ी मेहनत की है। दर्जनों मंत्रियों ने त्रिपुरा में चुनाव प्रचार किया। लेफ्ट की विचारधारा को धराशायी करने में भाजपा को समय तो लगा, लेकिन वो कामयाब होती नजर आ रही है। रुझानों में भाजपा गठबंधन 40 से ज्‍यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। दरअसल, त्रिपुरा में इस बार की सियासी लड़ाई पूरी तरह माकपा और भाजपा के बीच है। कांग्रेस फ्रेम में कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। हालांकि त्रिपुरा में भी कांग्रेस के सामने अस्तित्व बचाने की लड़ाई है।भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि तीनों पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में सरकार बनाएगी। रूझानों में साफ नजर आ रहा है कि त्रिपुरा में लेफ्ट का किला ढहने जा रहा है। माणिक सरकार अब ‘सरकार’ से बाहर जाते नजर आ रहे हैं। इधर नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाने के समीकरण भाजपा के पक्ष में ही नजर आ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो जश्‍न मनाना भी शुरू कर दिया है।

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दस सीटों और 36 फीसदी मतों के साथ दूसरे स्थान पर थी। लेकिन कई बार विभाजन के बाद पार्टी का सियासी भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। कांग्रेस से जीते 7 विधायक भाजपा में शामिल होकर इस बार कमल के फूल को खिलाने में जुटे हैं। भाजपा ने 2013 चुनावों के 2 फीसद वोट शेयर को बढ़ाकर 2014 में 6 फीसदी कर लिया था। त्रिपुरा भले ही छोटा राज्य है लेकिन भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। त्रिपुरा की जीत न सिर्फ चुनावी जीत होगी बल्कि यह वैचारिक जीत भी साबित होगी। राज्य में अब तक आए 59 सीटों के रुझान में भाजपा 29 सीटों पर आगे है वहीं एनपीएफ 26 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस यहां महज 1 सीट पर आगे चल रही है। अन्य के खाते में 3 सीट जाते दिखाई दे रही है। नागालैंड में 15 साल पहले तक कांग्रेस सत्ता में थी। लेकिन 2003 के बाद से लगातार कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट आई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य की सभी 60 सीटों पर उम्मीदवार तक नहीं मिले। कांग्रेस राज्य की 23 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए लेकिन 19 उम्मीदवार ही अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों को समर्थन का ऐलान किया है।

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