808वें हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज़ के कुल शऱीफ में शिरकत करने वालों ने महसूस किया सुकून,
बरेली,हमें आपने बुलाया ये करम नहीं तो क्या है, मेरा मर्तबा बढ़ाया ये करम नहीं तो क्या है, हो ज़माना लाख दुश्मन मुझे ग़म नहीं क़सम से, मेरे साथ मेरा ख़्वाजा ये करम नहीं तो क्या है,808वें हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज़ के कुल शऱीफ में शिरकत करने वालों ने महसूस किया सुकून,
बरेली नोमहला शरीफ़ मस्जिद दरगाह नासिर मियाँ परिसर में उर्से पाक की महफ़िल सजाई गई,कुरआन ए पाक की तिलावत के बाद महफ़िल समां और कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई,ख़ास दुआं मुल्क़ और आवाम की सलामती हिफाज़त,कामयाबी,तरक़्क़ी,खुशहाली के साथ अमन भाईचारे,हिन्दू,मुस्लिम,सिख ईसाई में हमेशा एकता कायम रहे,दुनिया को कोरोनावायरस से निजात मिले,सभी मोमिन भाईयो को हज उमराह की ज़ियारत में आसानी हो और हिंदुस्तान को बुरी नज़रों से बचाये रखना अल्लाह,दुआं के बाद हज़रिने महफ़िल को तबर्रुख तस्किम किया गया,
इस मौके पर पूर्वमंत्री हाजी अताउर्रहमान ने कुल शरीफ़ में शिरकत की इस अवसर पर दरगाह कमेटी की तरफ से पूर्वमंत्री हाजी अताउर्रहमान व समाजसेवी पम्मी खान वारसी दस्तारबन्दी की गई,अताउर्रहमान ने कहा कि ख़्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह देश व दुनिया में एकता की मिसाल हैं सभी धर्मों के लोग दरवारे ख़्वाजा में हाज़िर होकर मोहब्बत का पैग़ाम देते हैं हमारी दुआं हैं कि ख़्वाजा गरीब नवाज़ के करम से हमारे मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब हमेशा क़ायम रहे।इस मौके पर बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी,कदीर अहमद,शाने अली कमाल मियाँ साबरी,सूफ़ी वसीम मियाँ नासरी,हाजी यासीन क़ुरैशी, शाहिद रज़ा नूरी,मोहसिन इरशाद,हनीफ़ खान,शमशाद,सलीम,रिज़वान मियाँ नन्ना मियाँ आदि सहित बड़ी तादात में अक़ीदतमंद शामिल रहे।