आचार संहिता लागू, फिर भी योगी सरकार ने लिया डॉन अतीक अहमद के जेल ट्रांसफर का फैसला।

बरेली से पहले अतीक अहमद दवरिया जेल में बंद था. साल की शुरुआत में ही उसे दवरिया से बरेली जेल में शिफ्ट किया गया था.

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने माफिया डॉन और समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद की जेल बदलने का लिया फैसला है. योगी सरकार के इस फैसले के बाद अतीक अहमद को बरेली जेल से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जाएगा.

वहीं सरकार के फैसले को चुनाव आयोग ने भी मंजूरी दे दी है. चुनाव आयोग की मंजूरी मिलने के बाद बरेली और प्रयागराज प्रशासन को आदेश जारी कर दिया गया है.

देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और आचार संहिता लागू है. ऐसे में कोई भी प्रशासनिक कदम उठाने के लिए राज्य सरकार को चुनाय आयोग की मंजूरी लेनी पड़ती है. चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद ही सरकार आचार संहिता के समय प्रशासनिक कदम उठा सकती है.

बता दें कि जहां बरेली में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे, तो वहीं प्रयागराज में छठे चरण में 12 मई को मतदान होंगे.

बरेली से पहले अतीक अहमद दवरिया जेल में बंद था. साल की शुरुआत में ही उसे दवरिया से बरेली जेल में शिफ्ट किया गया था.

वहीं योगी सरकार के इस फैसले के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. अतीक अहमद को पहले देवरिया से बरेली शिफ्ट करना और अब प्रयागराज सेंट्रल जेल में शिफ्ट करना, क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक फायदा तो नहीं है. चुनाव के समय इस तरह के फैसले लेकर योगी सरकार सवालों के घेरे में आ जाती है.

बाहुबली अतीक अहमद को बरेली जेल से नैनी जेल ट्रांसफ़र करने के आदेश पर सवाल उठाते हुए समाजवादी पार्टी के एमएलसी और प्रवक्ता सुनील सिंह साजन का कहना है की ये आदेश योगी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है.

उनका कहना है कि योगी सरकार में जेल में हत्या हो जाती है, अपराधी पार्टियां करते हैं और सरकार लगाम लगाने के बजाए उनको सुविधाएं देती है. अतीक अहमद बाहुबली है और वो चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं, दो चरणों में महागठबंधन की लहर देखकर सरकार घबरा गई है.

सुनील सिंह ने कहा कि अब अतीक अहमद को नैनी भेजकर इलाहाबाद, फूलपुर, भदोही और प्रतापगढ़ के चुनाव में सरकार मदद लेना चाहती है, और हो सकता है सरकार चुनाव भी लड़ाए. अतीक अहमद फूलपुर के उपचुनाव में भी उनकी मदद कर रहे थे, लेकिन वहां सपा का प्रत्याशी जीता, योगी सरकार कुछ भी कर ले लेकिन इस बार भी महागठबंधन का प्रत्याशी ही जीतेगा.

गौरतलब है कि अतीक अहमद का जेल में भी दबदबा है. वह जेल में बैठे हुए भी अपने गुर्गों से आपराधिक काम करा चुका है. श्रावस्ती का रहने वाला बाहुबली अतीक अहमद पूर्वांचल और प्रयागराज में खनन, उगाही और सरकारी ठेकेदारी जैसे मामलों में संलिप्त रहा है. अतीक अहमद के खिलाफ अपहरण, हत्या, जबरन वसूली के कई मामले केवल उत्तर प्रदेश के राज्यों में ही नहीं बल्कि बिहार के राज्यों में भी दर्ज हैं.

अपराधिक मामलों के चलते अतीक अहमद फरवरी 2017 से ही जेल में बंद है. वहीं इस बीच यह कयास भी लगाए जा रहे हैं, वह फूलपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकता है.

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