कैबिनेट ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया

 कैबिनेट ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया हैं, जिनका कल (12-11-2018) बेंगलूरू मे देहांत हो गया था। कैबिनेट की विशेष बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया हैं की उऩके जाने से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे आज कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें सरकार और समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।

कैबिनेट ने दिवंगत नेता की स्मृति मे दो मिनट का मौन रखा और शोक पारित किया गया। प्रस्ताव का पाठ नीचे दिया गया हैः“श्री अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलूरू में हुआ। उन्होने कर्नाटक विश्वविद्यालय, हुबली से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक उपाधि और कर्नाटक विश्वविद्यालय के अंतर्गत जेएसएस लॉ कॉलेज से कानून में उपाधि प्राप्त की।श्री अनंत कुमार ने विद्यार्थी कार्यकर्ता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी की कर्नाटक शाखा के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्ररी बने। बाद में वे कर्नाटक में पार्टी के अध्यक्ष बने। उनके कुशल प्रबंधन से कर्नाटक राज्य में  भारतीय जनता पार्टी का विस्तार हुआ और पार्टी ने अंततः स्वयं के बलबूते पर सरकार बनाई। वे पार्टी के  राष्ट्रीय महासचिव थे और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य सचिव थे।वे 1996 में बेंगलूरू साउथ से पहली बार लोक सभा के लिये चुने गये थे। 1998 में जब वे दूसरी बार सांसद बने तो वाजपेयी कैबिनेट में उन्हें सबसे युवा मंत्री बनाया गया और नागर विमानन विभाग दिया गया। उन्होंने लोकसभा की प्रतिष्ठित बेंगलूरू साउथ सीट से जीवन के अंतिम दिन तक छह बार प्रतिनिधित्व किया।अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने पर्यटन मंत्री; संस्कृति, युवा मामले और खेल; शहरी विकास और गरीबी उपशमन; तथा ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में काम किया वे कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य भी रहे। श्री अनंत कुमार एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता थे और वे अपने स्वयंसेवी संगठनों के जरिए अनेक सामाजिक सेवा परियोजनाओं का संचालन करते थे। इनमें सरकार की मदद से उपेक्षित स्कूली बच्चों को पौष्टिक मध्यान्न भोजन उपलब्ध कराना, बेंगलूरू की तंग बस्तियों में स्थित विभिन्न स्कूलों के लिये ऐसी मोबाइल यूनिट का संचालन करना जिसमें शैक्षिक उपकरण लगे होते थे, सरकारी स्कूलों को गोद लेना ताकि उनमें  पेयजल और अन्य सुविधायें प्रदान की जा सके तथा उपेक्षित वर्गों, विशेषकर लड़कियों और महिलाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन, जैसी गतिविधियां शामिल थी। उन्होने ‘ग्रीन बेंगलूरू 1:1’ अभियान, शुरू किया, गया जिसका लक्ष्य 1 करोड़ पौधे लगाते हुए बेंगलूरू का हरित क्षेत्र बढ़ाना था।कैबिनेट विभिन्न पदों पर काम करते हुए श्री अनंत कुमार की राष्ट्र के प्रति सेवाओं की सराहना करती हैं। कैबिनेट उनकी मृत्यु पर गहरा दुख प्रकट करती हैं। उनकी असामयिक मृत्यु से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया है। कैबिनेट समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।”

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