पितृमुक्ति का महासंगम, पितृपक्ष मेला का सुशील मोदी ने किया उद्घाटन !
पितृपक्ष मेला महासंगम 2019 का उद्घाटन उप मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी के कर कमलों से दीप प्रज्वलन कर विष्णुपद मंदिर परिसर में किया गया।
इसके पूर्व उप मुख्यमंत्री ने नारियल फोड़कर और फीता काटकर मुख्य द्वार पर मेले का शुभारंभ किया, इस अवसर पर बाल ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार कर पूरे वातावरण को मंत्रो से गुंजायमान कर दिया। उप मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर में विष्णु चरण की पूजा अर्चना की। उद्घाटन समारोह में सभी माननीय का हार्दिक अभिनंदन पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया तथा तीर्थ वृत्त सुधारनी सभा के अमरनाथ ढोकड़ी ने सभी मंचासीन अतिथियों को अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया जिसमें पितृपक्ष मेला महासंगम 2019 के लिए की गई तैयारियों से सभी को अवगत कराया गया। इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री पर्यटन विभाग, बिहार सरकार श्री कृष्ण कुमार ऋषि ने कहां कि “‘पितृपक्ष मेला के दौरान पटना हवाई अड्डा पर भी पितृपक्ष मेला को लेकर सूचना केंद्र बनाया गया है। गया आने-जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था की गयी है। गया और बोधगया के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार वृहत योजना बना रही है। ताकि ये विश्वस्तरीय मानचित्र पर नजर आए। इसके अतिरिक्त कई अन्य धरोहरों को भी विकसित करने की योजना है। पर्यटन विभाग द्वारा उन्हें चिह्नित कर उनका विकास किया जाएगा। बिहार में पर्यटन को सरकार ने उद्योग का दर्जा दिया है। मेला अवधि में एक बार फिर दौरा कर विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी।” मंत्री शिक्षा विभाग बिहार सरकार सह प्रभारी मंत्री गया जिला कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि “पितृपक्ष मेला 2019 आज उद्घाटन समारोह में हम सम्मिलित हैं। सचमुच हम कितने सौभाग्यशाली हैं कि हम गया जिला के निवासी हैं। अंतर्राष्ट्रीय मेला होने के कारण गया और बिहार को काफी सम्मान मिलता है। यहां दूसरे राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से तीर्थयात्री आकर अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। यह सिलसिला कई वर्षों से चला आ रहा है। मेले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि स्वयं सीएम इसकी तैयारियों की समीक्षा करते हैं। जिला प्रशासन की व्यवस्था काफी अच्छी है। पहले यहां मेला के दौरान काफी गंदगी रहती थी। लेकिन, अब जिला में प्रवेश करते ही लगता है कि यहां काफी बड़ा आयोजन हो रहा है। सारे पदाधिकारियों पर सुशासन का असर है और वे पूरे मन से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे रहते हैं ताकि बिहार का नाम रौशन हो। दूसरे स्थानों से आने वाले तीर्थयात्रियों को कोई शिकायत न हो। प्रतिवर्ष व्यवस्था में सुधार हो रहा है। बिहार में विभिन्न धर्मावलंबियों का कार्यक्रम आयोजित होता है। पिछले दिनों प्रकाशोत्सव के आयोजन के लिए बिहार के लोगों का काफी नाम हुआ था। जो सेवा यहां के लोगों ने की उससे राज्य का गौरव और मान-सम्मान बढ़ता है। गया के पितृपक्ष मेला का ऐतिहासिक महत्व है। यह हमारी पहचान है। गया की वजह से हमें बाहर के राज्यों में काफी सम्मान मिलता है। इसलिए लोगों का कर्तव्य है कि बाहर से आए तीर्थयात्रियों की सेवा पूरे मनोभाव से करें। बिहार में नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी काफी अच्छा कार्य कर रही है। यही कारण है कि लोग पीठ पीछे भी उनकी बड़ाई करते हैं।” समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के माननीय कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने कहा कि “गया की पावन धरती भगवान विष्णु की पावन नगरी है। यहां विश्व के कोने-कोने से प्रतिवर्ष लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक वर्ष मेला की तैयारियों की समीक्षा की जाती रही है। हमारी संस्कृति और परंपरा अतिथि देवो भवः को निभाने के लिए गया के नागरिक हमेशा तत्पर रहते हैं। जलवायु परिवर्तन का असर फल्गु नदी पर भी हो रहा है। मैं गुजरात गया था, वहां देखा कि देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 800 किलोमीटर का कैनाल बनाकर नर्मदा नदी से पूरे राज्य में पेयजल संकट को समाप्त किया गया। वहां से लौटा तो गंगा नदी को गया-बोधगया लाने के लिए प्रस्ताव दिया। आने वाले समय में गया और मगध के लोगों सहित नालंदा के लोगों के लिए राज्य सरकार की पहल पर गया के लोगों को पानी की दिक्कत नहीं होगी। और पितृपक्ष मेला के दौरान तीर्थयात्रियों को भी पानी का संकट नहीं झेलना पड़ेगा। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आई। केंद्र सरकार ने देश के 12 शहरों को हेरिटेज सिटी में शामिल किया। इसमें गया को भी शामिल किया गया। इस योजना के तहत गया की विभिन्न वेदियों का चेहरा बदल गया है। 12 सौ करोड़ रुपए खर्च कर सरकार गया जी की सूरत बदलने में जुटी है। आने वाले समय में देवघाट से सीताकुंड जाने के लिए लक्ष्मणझूला बनाया जाएगा। जैसे कृषि रोड मैप बनाया गया है। उसी प्रकार पर्यटन मैप भी सरकार द्वारा बनाया गया है। गया मोक्ष व ज्ञान की भूमि है। हमारी सरकार आने वाले समय में प्रेतशिला, रामशिला, ब्रह्मयोनि, ढुंगेश्वरी में पेयजल की किल्लत को दूर किया गया। पीएम ने विशेष पैकेज 1 लाख 65 हजार करोड़ दिया था, इसमें दो सौ करोड़ रुपए से एएनएमएमसीएच को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का काम शुरु है। पहले सिलिंडर के लिए लोगों को दौड़ना पड़ता था। अब पाइपलाइन के जरिए गैस की आपूर्ति का कार्य शुरु कर दिया गया है। 350 करोड़ की लागत से पानी का संकट दूर करने के लिए योजना का क्रियांवयन किया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार बिहार के विकास को गति देने का कार्य कर रही है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए जल-जीवन-हरियाली योजना का संचालन किया जा रहा है। अबतक गया में 11 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। इसे सफल बनाने में आम लोगों का सहयोग आवश्यक है। आने वाले दिनों में क्लीन इंडिया-ग्रीन इंडिया के नारे को पूरा किया जाएगा। सबके सहयोग से पितृपक्ष मेला सफल होगा।”