श्री थावरचंद गहलोत ने “सीवर और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई की रोकथाम पर अखिल भारतीय कार्यशाला’’ का उद्घाटन किया

केंद्रीय न्याय और सशक्तिकरण मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कल पूर्वी दिल्ली नगरपालिका (ईडीएमसी) क्षेत्रमें सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (एनएसकेएलएफडीसी) द्वारा आयोजित “सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई की रोकथाम पर अखिल भारतीय कार्यशाला” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय में सचिव, श्रीमती नीलम साहनी, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्री बिपिन बिहारी सिंह, एनबीसीएफडीसी के प्रबंध निदेशक, श्री के. नारायणन तथा सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय एवं ईडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।        इस अवसर पर श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि वह 2 अक्टूबर, 2018 से 2 अक्टूबर, 2019 तक महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के एक वर्ष के सालाना स्मरणोत्सव का हिस्सा बनकर, सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई की रोकथाम पर कार्यशालाओं को आरंभ किए जाने के इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनकर प्रसन्न हैं।                                                                                                     उन्होंने कहा कि गांधी जी स्वच्छता को लेकर बहुत चिंतित रहते थे। वह एक शताब्दी से पहले भारत के लिए स्वच्छता को प्राथमिकता देना चाहते थे। आज से जब देश महात्मा गांधी की याद में एक साल की अवधि का जश्न मना रहा है, यह उचित है कि हम स्वच्छता के लिए और जो लोग इस महत्वपूर्ण काम करते हैं, उनके लिए अपनी योजनाओं को अधिकतम बनाएं। इसलिए, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय ने इस अवधि के दौरान एनएसकेएफडीसी के माध्यम से इस संबंध में विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई है।इनमें शामिल हैं: – मेहतरों और उनके पुनर्वास का सर्वेक्षण; ‘सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई की रोकथाम’ पर कार्यशालाएं आयोजित करना; और 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके स्वच्छता श्रमिकों और अपशिष्ट चुनने वालों के कौशल का उन्नयन।

श्री गहलोत ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में और आसपास स्वच्छता श्रमिकों की मौत से वह बहुत दुखी हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने नगर निगम के अधिकारियों, स्वच्छता निरीक्षकों, वरिष्ठ स्वच्छता कार्यकर्ताओं और ठेकेदारों को संवेदनशील बनाने के लिए इन कार्यशालाओं के आयोजन द्वारा पहल की है।                                                                                                                          मंत्री ने आशा व्यक्त की कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की इस पहल के माध्यम से, स्वच्छता कार्यकर्ता, शहरी स्थानीय निकायों के अधिकारी इत्यादि सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई और दुर्घटनाओं और मौतों के परिपेक्ष्य में मूल्यवान जानकारी प्राप्त करेंगे।

 

 

 

 

 

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