सेवा क्षेत्र भारत की विकास गाथा में व्‍यापक बदलाव ला सकता है: श्री सुरेश प्रभु

केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वाणिज्‍य मंत्री होने के नाते उन्‍हें सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्‍टर) का तेज विकास सुनिश्चित करना है,

क्‍योंकि यह भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) में लगभग दो तिहाई का योगदान करता है। आज नई दिल्‍ली में आयोजित ‘14वें फिक्‍की उच्‍च शिक्षा शिखर सम्‍मेलन 2018’ को संबोधित करते हुए श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार भारत की कुल जीडीपी में सेवा क्षेत्र की हिस्‍सेदारी बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्‍होंने कहा कि 10 प्रमुख सेवा क्षेत्र बड़े पैमाने पर भारत के विकास को नई गति प्रदान कर सकते हैं। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि शिक्षा इस क्षेत्र में नये अवसरों का उपयोग करने में विद्यार्थियों को समर्थ बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्‍होंने कहा कि जीडीपी वृद्धि दर के साथ-साथ रोजगारों को भी ध्‍यान में रखना होगा और सेवा क्षेत्र देश के युवाओं के लिए अपेक्षाकृत अधिक संख्‍या में रोजगार सृजित कर सकता है।

वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि भारत सदैव नये विचारों एवं ज्ञान का एक केंद्र (हब) रहा है और विश्‍वविद्यालय की अवधारणा आधुनिक समय की देन नहीं है। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्‍य विद्यार्थियों को उत्‍पन्‍न होने वाली विभिन्‍न चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाना है।

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