राजस्व आसूचना विभाग ने अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क भागीदार एजेंसियों के साथ 4 और 5 दिसंबर, 2018 को आयोजित दो दिवसीय बैठक में विचार-विमर्श किया
विभिन्न सीमा शुल्क प्रशासनों के बीच डाटा और खुफिया जानकारी साझा करने पर विशेष जोर दिया गया;नशीली दवाओं, कीमती धातुओं और पत्थरों, मनी लॉंडरिंग और काले धन से जुड़े संगठित अपराध का मुकाबला करने के लिए आपसी रणनीति के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया
राजस्व आसूचना (डीआरआई) और तस्करी विरोधी आसूचना निदेशालय तथा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 61 वें स्थापना दिवस का आयोजन किया और 4 और 5 दिसंबर, 2018 को नई दिल्ली में क्षेत्रीय सीमा शुल्क प्रवर्तन बैठक (आरसीईएम) आयोजित की।इस अवसर पर 4 दिसंबर, 2018 को डॉ अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडे और सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री एस रमेश भी इस अवसर पर उपस्थित थे।वित्त मंत्री ने डीआरआई और उनके अधिकारियों को उनके कार्य प्रदर्शन पर बधाई दी और उच्च सत्यनिष्ठा, पेशेवर मानकों को बनाए रखने तथा डीआरआई को एक सही संगठन बनाने के उनके प्रयासों की सराहना की। श्री जेटली ने अपराध का पता लगाने के एकमात्र उद्देश्य से निर्देशित होने की जरूरत सहित जांच एजेंसियों के लिए कुछ प्रमुख सिद्धांतों को निर्धारित किया। कार्यक्रम के दौरान श्री जेटली ने अपर आयुक्त सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क स्वर्गीय श्री एल डी अरोड़ा को डीआरआई के शहीद पदक से सम्मानित किया। स्वर्गीय श्री अरोड़ा1993 के मुंबई विस्फोट के जिम्मेदार अंडरवर्ल्ड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने अनुकरणीय सेवा के लिए अपने पूर्व अधिकारियों को डीआरआई उत्कृष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित करने की पहल की प्रशंसा की। श्री जेटली ने “स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2017-18” का विमोचन किया, जिसमें सोना और विदेशी मुद्रा, नशीली दवाओं, सुरक्षा, पर्यावरण, वाणिज्यिक घोखाधड़ी जैसे विषयों पर संगठित तस्करी का विश्लेषण किया गया है।उद्घाटन समारोह के बाद 5वीं क्षेत्रीय सीमा शुल्क प्रवर्तन बैठक आयोजित की गई जिसमें दक्षिण-एशिया, पश्चिम एशिया और एशिया-प्रशांत के 21 देशों के सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग के प्रमुखों और डब्लूसीओ, इंटरपोल, यूएनओडीसी और आरआईएलओ एपी के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था।दो दिवसीय बैठक के दौरान विभिन्न सीमा शुल्क प्रशासनों के बीच डाटा और खुफिया जानकारी को साझा करने पर विशेष जोर दिया गया। नशीली दवाओं, कीमती धातुओं और पत्थरों, मनीलॉंडरिंग और काले धन से संबंधित संगठित अपराध से निपटने के लिए पारस्परिक रणनीति के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इन विषयों पर इंटरपोल,विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्लूसीओ), ईरान, मॉरीशस और ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रस्तुतियां दी गई थी। डीआरआई ने गैर कानूनी व्यापार नियंत्रण के लिए डाटा आदान-प्रदान पर अपनी प्रस्तुति दी। डीआरआई ने नशीली दवाओं की तस्करी अन्य तस्करी और संगठित वित्तीय अपराध पर भी अपनी प्रस्तुति दी। इंटरपोल ने पुलिस-सीमा शुल्क सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हाल के दिनों में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की जानकारी दी। डब्लूसीओ ने नशीली दवाओं और एनपीएस तस्करी के खिलाफ अपनी रणनीति और संचालन की जानकारी दी। मॉरीशस के शिष्टमंडल ने अपनी प्रस्तुति में उचित समय पर सूचना और खुफिया जानकारी साझा करने पर बहुत जोर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी प्रस्तुति में ‘यात्री प्रोफाइलिंग और क्षमता लक्ष्य’ पर जोर दिया। सभी भागीदार देश संगठित सीमा पार से होने वाले संगठित अपराधों से निपटने के लिए भी नजदीकी सहयोग करने पर सहमत हुए।