राज्यपाल की और से भी मिली फिल्म पद्मावती को बैन लगाने की मांग
पद्मावती की मुश्किलें और दुगनी हो गई हैं अभी तक माना जा रहा था कि फिल्म 14 फरवरी को रिलीज़ हो सकती है लेकिन अब पांच राज्यों ने फिल्म पर पूरी तरह बैन लगा दिया है।
बता दे की पद्मावती मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में बैन की जा चुकी है। राज्यों से बातचीत करने की पूरी कोशिश की गई पर सब नाकाम रहा, यानि कि फिल्म रिलीज़ ही नहीं होगी ना 2017 में ना 2018।
क्षत्रिय समाज के साथ-साथ अन्य संगठनों के नेता सड़कों पर उतरकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का यह गुसा अब पंजाब में भी पहुंच चुकी हैं।
वीरवार को राजपूत महासभा पंजाब के शिष्टमंडल ने अध्यक्ष ठाकुर द¨वदर सह दर्शी के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल वीपी सह बदनौर से मिले और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
उन्होंने बताया कि पद्मावती राजपूत ही नहीं बल्कि पूरे भारत का गौरव व स्वाभिमान है जिन्होंने अपना अस्तित्व बचाते हुए 16 हजार वीरांगनओं के साथ जौहर का रास्ता अपनाते हुए बलिदान दिया था।
साथ ही महासचिव कुंवर विक्की ने कहा कि भंसाली की ओर से इतिहास से किए गए छेड़छाड़ को माफ नहीं किया जा सकता। और कहा कि सरकार ने अगर इस फिल्म पर बैन न लगाया तो देश विरोध की आग में जल उठेगा।
राज्यपाल ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिलाया कि वह उनकी मांग को आगे पहुंचाएंगे। इस मौके पर महासभा के उपाध्यक्ष ठाकुर रणधीर ¨सह बिट्टा, राजपूत महासभा लोक सभा हलका गुरदासपुर के प्रधान कुंवर संतोख सह, राजपूत युवा मोर्चा पंजाब के अध्यक्ष कुंवर संग्राम सह, महामंत्री संदीप मन्हास, महामंत्री राकेश राणा दसूहा, राजपूत सभा मुकेरियां के चेयरमैन ठाकुर प्रदीप कटोच, ठाकुर रघुबीर ¨सह, ठाकुर पूर्ण ¨सह आदि उपस्थित थे।
अब दिक्कत ये है कि अगर हर मुख्यमंत्री के हिसाब से फिल्म बनने लगेगी तब तो इस देश में फिल्म बनाना काफी मुश्किल होगा।