मुस्लिम महिलाओं में जागरूकता पैदा करने हेतु सीरत – सननी का आयोजन किया गया !

इस्लामियां गर्ल्स इण्टर कालिज बरेली में आज खवातीन के तत्वाधान में हुजूर मोहम्मद स0अ010 के जश्ने ईद मिलादन नबी के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं में जागरूकता पैदा करने उद्देश्य से लगाए सीरत – सननी का आयोजन किया गया ।

ली स्थानीय इस्लामिया गर्ल्स इण्टर कालिज , बरेली में बज्ने वातीन के तत्वाधान में जश्ने ईद मिलादुन नबी के अवसर पर एक जलसे का आयोजन में जाती । की सरपरस्त चमन जहा की अध्यक्षता में जिसका संचालन फरहीन फाति व नूरीन । ताज ने बारी – बारी से किया जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से डा0 सायमा अजमल ने किया और नत का नजरानी उजमा जनी , तन्जीला निया , तहमीना , गुलफिशा , मविश , निदा अजहरी आदि ने सामूहिक रूप में किया इस अवसर पर नसरीन जाहगीर ने सीरते नब्बी पर अपने सम्बोधन में कहा के मोहम्मद साहब ने इस्लाम और रसूले इस्लाम के मानने बाजों को तालीगा । इसना के साथ मजहबी रबादारी का भी अजीम पैगाम दिया और फल । इंसानियत के साथ साथ हुस्ने सुकून की भरपूर ताकीद फरमायी अपने सम्बोधन में बजने ख्वातीन की सरपरस्त श्रीमती चमन जहां ने कहा कि तरक्की के इस दौर में इन्सान मशीन की तरह काम करने लगा है हर शख्स तरक्की की भागदौड़ में लगा है और वह इसके खातिर अपनी मजहबी व सामाजी जिम्मेदारियों से दूर है जरूरत इस बात की है कि हम हजरत मोहम्मद स0अ0व0 के इस पैगाम और मिशन को जो उन्होंने इंसानियत और मजहबी रनादारी को बढावा देने के लिये जो हमे बताया कि इस्लाम में सब लोग बराबर हैं इनका का ताल्लुक किसी रंग नस्ल और जुबान से ही पूरी इंसानियत अल्लाह का कन्वा है और हमें सबके बारे में सोचना है इस अवसर पर बज्मे ख्वातीन की सचिव निगहत परवीन ने । कहा कि हमारे इस्लाम मजहब की यह खूबी रही है के हर दौर में इंसानों की अकसरियत ने बदकिरदारी को दूर करने का भरसक प्रयत्न किया है और बज्में ख्वातीन भी मजहब के साथ – साथ महिलाओं में तालीमी बेदारी के द्वारा समाज में अच्छाई और बुराई के फर्क को बताकर कौग को आगे बढ़ने का पैगाम देती हैं इस मौके पर अनेक लोगों ने जलसे को खिताब कर हजरत मोहम्मद स0अ0व0 के बताये हुए रास्ते पर चलते हुए इस्लामी तालीमात और कवानीन के तहत जिन्दगी गुजारने की अपील की इस मौके पर नूरी फाउण्डेशन के सचिव नाजिम बेग ने कहा कि नज्मे ख्वातीन हजरत मोहम्मद स0अ010 के इस्लामी तालीमात को आगे बढ़ाने के लिये जुल्मत व जहालियत के अंधेरो से निकलकर महिलाओं में तालीम का बढ़ावा देना चाहती है और इस मिशन के लिये चमन जहां के साथ बज्मे ख्वातीन की अराकीन दिनों रात लगी रहती हैं जिनमें विशेषकर निगहत परवीन , डा0 सायमा अजमल , सबीहा माजिद , सबा रजी खान , शगुफता जाहिद , बी फातिमा , आयशा जमीन , हिना सलीम , व्यवस्थाओं में माजिद खां , कामरान आरिफ , समरान खांन , सिराज , सगीर , सलीम आदि का योगदान रहा । श्रीमती चमन जहां सरपरस्त बज्मे ख्वातीन बरेली।

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