मण्डी शुल्क समाप्त करने की मांग प्रांतीय उद्धोग व्यापार मण्डल ने की मांग !

उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 से लागू है । प्रारम्भ में ये पच्चीस पैसा प्रति सैकड़ा था,फिर पचास पैसा प्रति सैकड़ा हुआ , फिर एक रूपये प्रति सैकड़ा हुआ और अब दो रूपये प्रति सैकड़ा है ।

मण्डी अधिनियम के अन्तर्गत ये दो रूपया सैकड़ा से अधिक नहीं हो सकता । इससे व्यापार करने में निम्न कठिनाइयाँ हैं । 1 . इससे उत्तर प्रदेश का व्यापार गिर रहा है । पड़ोसी राज्य विहार , दिल्ली , झारखण्ड में मण्डी शुल्क समाप्त किया जा चुका है । अतः पड़ोसी जिले देवरिया , संत रविदास नगर , बलिया , गाजीपुर , चंदौली , सोनभद्र का उत्पादन किसान टूक , बैलगाड़ी , ट्रैक्टर आदि के द्वारा इन राज्यों में ले जाता है और उससे उत्तर प्रदेश का व्यापार गिरता है । इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर , सहारनपुर , बागपत , गाजियाबाद , मेरठ , गौतमबुद्धनगर , आगरा का उत्पादन दिल्ली चला जाता है । मुजफ्फरनगर गुड़ एवं खंडसारी एसोसियेएशन ने भी शासन को कई पत्र भेजे हैं कि माल मण्डी स्थल में नहीं आता और सीधे दिल्ली चला जाता है । इससे उत्तर प्रदेश का व्यापार गिर रहा है । । यद्यपि कि मण्डी फीस व्यापारी को देना है किसान को नहीं , परन्तु व्यापारी मण्डी फीस कहाँ से देगा , वो किसान का माल सस्ता खरीदता है , जितना उसे मण्डी शुल्क देना पड़ता है । किसान मजबूर होकर दूसरे राज्यों में माल ले जाकर बेचता है क्योंकि उसे दूसरे राज्यों में माल का मूल्य अधिक मिल जाता है । दो रूपये पचास पैसा सैकड़ा के हिसाब से मण्डी फीस देने पर कीमत बहुत बढ़ जाती है जिससे भ्रष्टाचार को भयंकर बढ़ावा मिल रहा है । जितनी आपको फीस मिलती है उससे अधिक विभाग्र के अधिकारी और कर्मचारियों की जेब में जाता है । इस भ्रष्टाचार को समाप्त करने के उद्देश्य से बिहार और झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों से मण्डी अधिनियम कर समाप्त कर लिया है । हमारा आपसे आग्रह है कि आप मण्डी शुल्क को पूर्णतया समाप्त कर दें इससे प्रदेश का व्यापार भी बढेगा और किसान के उत्पादन उचित मूल्य भी किसान को मिलेगा । मण्डी स्थलों पर जो दुकानें बनी हैं वो लागत मूल्य पर व्यापारियों को बेच दें तो आपको मण्डियों की लागत भी मिल जायेगी तथा अधिकारियों और कर्मचारियों को दूसरे विभाग में समायोजित कर लें । ज्ञापन के दौरान संजीव गुप्ता ( बब्लू ) , मुकुल अग्रवाल , मुकन्द बास , राहुल लखोटिया आदि मौजूद रहे !

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