लखनऊ : कस्तूरबा गांधी विद्यालय के कर्मचारियों को जारी हुआ एसपीडी का तुगलकी फरमान,कर्मचारियों को मिला सांसद का साथ

कस्तूरबा गांधी विद्यालय के कर्मचारियों को जारी हुआ एसपीडी का तुगलकी फरमान,कर्मचारियों को मिला सांसद का साथ
शिक्षक-शिक्षिकाओं व कर्मचारियों ने जताया रोष
बहराइच सांसद ने एसपीडी को पत्र प्रेषित करके पदस्थापन अन्यत्र न करने को कहा
 सचिन श्रीवास्तव
बहराइच।देश मे एक तरफ कोविड का कहर तो दूसरी ओर प्रदेश के कई जनपद बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे है।कोविड के कारण लॉकडाउन 4.0 में भी अभी स्कूल-कॉलेज खुलने पर 30 सितम्बर तक की रोक लगी हुई है।जबकि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के कर्मचारियों को राज्य परियोजना निदेशक(समग्र शिक्षा अभियान) द्वारा कर्मचारियों को तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है।विद्यालय के कर्मचारियों ने एसपीडी के मनमाने रवैये पर नाराजगी जाहिर की है साथ ही जिले के सांसद से इस संबंध में गुहार भी लगाई है।जिस पर सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों के पक्ष में एक पत्र राज्य परियोजना निदेशक को प्रेषित किया है।उल्लेखनीय हो कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में संविदा पर वर्षो से अल्प वेतन पर कार्य कर रहे शिक्षक/शिक्षिकाओं कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण काल में विभिन्न तरह के फेरबदल करने के नाम पर उत्पीड़ित किए जाने की कार्य योजना राज्य परियोजना निदेशालय(समग्र शिक्षा अभियान) द्वारा बनाई गई है।इसमें जनपद में कार्यरत करीब पांच दर्जन शिक्षक-शिक्षिकाओं को नौकरी से बाहर करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है और शेष शिक्षकाओं व लेखाकारों आदि की 15 वर्ष से अधिक कार्यकाल के बावजूद कोरोना संक्रमण के समय नवीन संविदा के आधार पर पदस्थापन करने का नियम विरुद्ध नीति निर्धारित की गई है।इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जिले के सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने राज्य परियोजना निदेशक को पत्र प्रेषित कर कहा है कि केजीबीवी के अल्प वेतनभोगी इन संविदा कर्मियों का कार्यरत विद्यालय से इतर नवीन संविदा पर पदस्थापन करना न्यायोचित नही है।उन्होंने आगे लिखा है कि यह हमारी की मंशा के अनुरूप नही है।सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने राज्य परियोजना निदेशक को प्रेषित अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पत्रांक केजीबीवी/शिक्षक/2302/2020-21 दिनांक 14.07.2020 में क्लज-2 के बिन्दु संख्या 6 में उल्लेख किया गया है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयो में कार्यरत लेखाकार का पदस्थापन करते समय कार्यरत विद्यालय से इतर अन्य विद्यालय में नवीन संविदा पर की जाए।उन्होंने कहा है कि डीएम की अध्यक्षता वाली चयन समिति से नियुक्ति पाने वाले कस्तूरबा गांधी विद्यालय के लेखाकारो की कई वर्षों पूर्व संविदा के आधार पर अल्प वेतन मानदेय पर नियुक्ति की गई थी।जो वर्तमान में मात्र 11 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय पा रहे है।ऐसी स्थिति में उनका पुराना कार्य अनुभव के बावजूद उनकी नवीन संविदा को नवीन रूप में परिवर्तित करके कार्यरत मूल विद्यालय से हटाकर अन्य विद्यालय में नवीन संविदा के तहत पदस्थापन करना किसी भी दशा में न्याय संगत नही है।इस प्रकार के तुगलकी फरमान से शिक्षक-शिक्षिकाओं व लेखाकारों में रोष व्याप्त है।सूत्रों की माने तो राज्य परियोजना निदेशक के मनमाने रवैये को लेकर शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी परेशानियों को सामने रखेगा।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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