लखनऊ : टाइगर रिजर्व की भूमि पर अवैध कब्जा कर बो दी फसल

टाइगर रिजर्व की भूमि पर अवैध कब्जा कर बो दी फसल
हरे भरे पेड़ों के कटने से सिमट रहा पीटीआर का क्षेत्रफल
पीलीभीत।हिमालय की तलहटी में स्थित साल के पेड़ों व हरियाली से भरपूर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अनेकों प्रजाति के वन्यजीवों की मौजूदगी दर्ज है। बाघों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।शायद यही कारण है कि हर साल कई विदेशी पर्यटक भी यहां की मनोरम छटा को पास से निहारने आते हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व बीते काफी समय से अवैध कब्जेदारों की चपेट में है।टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल लगातार सिमटता देखा जा रहा है।जिससे वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण करने में इंसानी दखल सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज आए दिन सुर्खियों में रहती है। हरीपुर रेंज के किशनपुर के किसानों ने टाइगर रिजर्व के किनारे मौजूद खेतों के आसपास खड़े पेड़ों को काटकर जंगल की भूमि को अपने खेत में मिलाने का काम किया है।जंगल के किनारे खड़े हरे भरे पेड़ों को काटकर वन भूमाफिया टाइगर रिजर्व की भूमि को खेतों में मिलाकर जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो वही वन्यजीवों के निवास स्थल भी सिमट रहा है। पूर्व में भी कई बार इन अवैध कब्जे तारों को खदेड़ने के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निर्माण किया गया है।जिससे इन कब्जेदारों के हौसले बुलंद है।लगातार सिमटते क्षेत्रफल के कारण वन्य जीव आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं।जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है। पूर्व में भी मानव वन्यजीव संघर्ष की कई घटनाएं सामने आई हैं जिसका प्रमुख कारण टाइगर रिजर्व के सिमटते क्षेत्रफल का होना बताया जा रहा है।
फैक्ट फाइल
पीलीभीत टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 73 हजार 24.98 हेक्टेयर।
पीटीआर की कुल लंबाई 60 किलोमीटर।
पीटीआर की कुल चौड़ाई 15 किलोमीटर।
जंगल में कुल पांच रेंज माला, दियोरिया,महोफ, हरीपुर,बराहीं।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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