लव जिहाद के एक मामले में आया अहम फैसला

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हाथरस, पाच साल से भी अधिक समय से न्याय पालिका के चक्कर काट रहे बेटी के पिता को मिला न्याय, बेटी के हत्योरों को मिला आजीवन कारसवास, पिता को केस वापिस लेने के लिए मिल चुकी थी पाकिस्तान से आईएसआई द्वारा भी धमकी, फिर भी बेटी के पिता ने नही लिया था केस वापिस, हत्यारों ने हाथरस की बेटी को प्यार में फुसला कर किया था अपहरण और मुजफ्फर नगर में जला दिया था, 70 दिन बाद युवती की मौत हो गई थी, तभी से पिता काट रहा था पुलिस के चक्कर, पुलिस की कार्यवाही रही थी ढीली, क्योंकि मामला जुड़ा था दो धर्मों से। मानवाधिकार आयोग तात्कालिक S O जंक्शन पर लगा चुका था एक लाख का जुर्माना केस में लापरवाही बरतने का माना था दोषी।

आपको बतादें हाथरस के जंक्शन थाना क्षेत्र के गांव नगला इमलिया की नाबालिग युवती को मुजफ्फर नगर का एक अन्य सम्प्रदाय का युवक तरमीम भगा कर ले गया था जिसको बलात्कार के बाद मुजफ्फर नगर जिले के कांकरोली में तेज़ाब डालकर मरणासन्न अवस्था में ईख के खेत में छोड़कर चला गया था। नाबालिग के पिता की माने तो लड़की दवा लेने गांव से हाथरस आई थी और फिर कभी लॉट कर नही आई। इस मामले की रिपोर्ट उसने पुलिस मे दरज करवाई पर पुलिस ने बेटी को तलाशने की कोई कोशिश नही की और वह बेटी की तलाश में दर दर भटकता रहा। उधर अपने साथ घटना के बाद नाबालिग ने किसी तरह वहां की पुलिस को सूचना दी तब यहाँ की पुलिस के साथ वह उसको लेकर आया और इलाज करवाया। इलाज के दौरान 70 दिन बाद बेटी की मौत हो गई, तभी से वह न्याय कीखातिर आरोपियों के खिलाफ केस लड़ता रहा केस के दौरान उसको कई बार पकिस्तान और मुजफ्फर नगर से धमकियाँ भी मिली लेकिन उसने हार नही मानी, आज न्यायलय से मिले आजीवन कारावास की सजा से वह संतुष्ट है वही पीड़ित पिता पुलिस की कार्य प्रणाली से काफी असंतुष्ट नजर आया।

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