जानिए, बॉडी चेकअप करवाना क्यों है जरूरी, साथ ही चेकअप करवाने के क्या हैं फायदे
आजकल की सोशल और भागदौड़ भरी जिंदगी में कई-कई घंटों तक एक जगह बैठकर या खड़े रहकर काम करने की वजह से लोगों को कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ रहा है,या फिर यूं कहें कि शरीर कमजोर होता जाता है. इसके लिए नियमित व्यायाम नहीं करना, शरीर को जरूरी आराम नहीं देना, नियमित खानपान में असंतुलन… जैसे कई कारण भी अहम भूमिका निभाते हैं . हालांकि अगर हम अपने दैनिक जीवन में कुछ चीजों का ख्याल रखें तो खुद को कई सारी बीमारियों से दूर रखा जा सकता है. इसके लिए जरूरी हो तो बस नियमित स्वास्थ्य जांच (हेल्थ चेकअप) की. आइए आज जानते हैं कि किस उम्र में कौन-कौन से हेल्थ चेकअप्स नियमित तौर पर करवाने चाहिए…
20 साल की उम्र – हर साल रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), कद (हाइट) और वजन की जांच करानी चाहिए. साल में एक बार दांतों और आंखों की जांच करानी चाहिए. हर दो साल में HIV की स्क्रीनिंग भी करानी चाहिए. हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच भी करानी चाहिए.
30 साल की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अतिरिक्त… शुगर (डाइबिटीज), थायरॉयइड से जुड़े रोग, एनिमिया और लिवर की तकलीफ के लिए खून की जांच करानी चाहिए. साल में एक बार दिल से संबंधित बीमारियों की भी जांच करानी चाहिए.
40 साल की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अतिरिक्त… हर पांच साल में एक बार कार्डियोवरकुलर इवैल्यूएशन कराना चाहिए. साल में एक बार प्रोस्टेट कैंसर की जांच भी करानी चाहिए.
50 साल की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अतिरिक्त… हर साल एक बार टाइप टू मधुमेह (डाइबिटीज) की जांच, हर साल आंख और कान की जांच, इसके अलावा हर साल मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) की जांच, लिपिड डिसऑर्डर की जांच
60 साल की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अतिरिक्त…ऑस्टियोपोरोसिस के लिए हर साल स्क्रीनिंग. इसके अलावा डिमेंशिया और अलजाइमर की भी हर साल जांच करानी चाहिए.
कमर दर्द बनी आम समस्या
इन दिनों ज्यादातर बैठे रहने की जीवनशैली, बैठने-उठने के गलत तरीके और व्यायाम न करने के कारण कमर दर्द एक आम समस्या बन गई है. यह समस्या अब न केवल उम्र से जुड़ी है बल्कि इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी तकलीफदेह साबित हो रही है. इंडस हेल्थ प्लस की प्रीवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट कंचन नायकवाड़ी का कहना है हालांकि, कमर का दर्द कष्टकारी और असहज करने वाला हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह गंभीर नहीं होता है. कमर का दर्द इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी पीठ की हड्डियां, मांसपेशियां और लिगामेंट्स किस तरह काम करते हैं और किस तरह एक-दूसरे से जुड़े होते हैं.
कंचन के मुताबिक, वयस्कों में कमर दर्द हर दिन की गतिविधियों या बैठने-उठने के गलत तरीकों के परिणामस्वरूप हो सकता है जैसे, कंप्यूटर के इस्तेमाल करने के दौरान सही तरीके से नहीं बैठना, अजीबोगरीब तरीके से मुड़ना, किसी सामान को धक्का देना या खींचना या उठाना और लंबे समय तक खड़े रहना आदि. कंचन ने कहा कि शारीरिक व्यायाम, शरीर का सही पॉश्चर, स्वस्थ आहार, सोने का सही तरीका, मानसिक तनाव को कम करना, धू्म्रपान न करना और जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव लाकर कमर दर्द के खतरे को कम कर सकते हैं.