खगड़िया में जदयू के अंदर चल रही है डर्टी पाॅलिटिक्स, नेताओं ने साध रखी है चुप्पी

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खगड़िया : भले ही जिला जदयू के स्थानीय नेता अभी भी संगठन की आंतरिक गुटबाजी या मतभेद की बातों से साफ इंकार कर रहे हों. लेकिन, संगठन में स्थानीय स्तर पर डर्टी पाॅलिटिक्स का खेल शुरू हो चुका है. बात राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से व्यक्तिगत स्तर तक पहुंच गया है. गौरतलब है कि जदयू सत्ताधारी दल है, जिसके स्थानीय नेताओं के कंधों पर न सिर्फ सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है, बल्कि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए भी एक सार्थक पहल करना है. साथ ही संगठन को मजबूती की दिशा में काम करना है.
इतना ही नहीं, सत्ताधारी पार्टी पर राजनीतिक तौर पर विरोधियों के वार को झेलना और उस पर तार्किक प्रहार करने का दायित्व बनता है. लेकिन संगठन स्थानीय स्तर पर उस मोड़ पर पहुंच गया है कि दल के पदाधिकारी ही अपने ही संगठन के पदाधिकारी पर शर्मनाक आरोप लगाने लगे हैं. बात संगठन स्तर से आगे निकल कर थाना व चौक-चौराहों पर पहुंच गई है. आरोप-प्रत्यारोप पर्सनल तक हो गया है. मामला थाना तक पहुंच गया है, लेकिन इस पर कोई भी स्थानीय जदयू नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
ताजा आरोप जिले के महिला सेल के एक प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी का है. जिन्होंने अपने ही संगठन के जिलास्तरीय एक वरीय पदाधिकारी पर अभद्र टिप्पणी, अश्लील बातें व धमकाने का आरोप लगाया है. इस संबंध में उक्त महिला पदाधिकारी ने जिले के महिला थाने में एक आवेदन भी दिया है. हालांकि आरोप में कितनी सच्चाई है यह एक जांच का विषय है, पर यदि महिला पदाधिकारी के आरोप में थोड़ी सी भी सच्चाई है तो यह जदयू के महिला सशक्तीकरण अभियान पर अपने ही दल के कार्यकर्ता की ओर से करारा प्रहार है.
मामले का एक पहलू यह भी संभावित है कि आरोप राजनीतिक या व्यक्तिगत विद्वेष में लगाई गई हो. यदि ऐसा है तो इसे मुख्यमंत्री के महिला सशक्तीकरण के साइड इफेक्ट के तौर पर देखा जा सकता है. दोनों ही परिस्थितियों में संगठन के कुछ पदाधिकारी सवालों के घेरे में हैं. जिसे नजरअंदाज करना न तो संगठन के हित में है और न ही जिले की राजनीति के लिहाजा से भी इसे अच्छा माना जा सकता है. दोनों ही परिस्थितियों में इसका नुकसान संगठन को ही उठाना होगा. बहरहाल जिला जदयू के अंदर की डर्टी पाॅलिटिक्स किस स्तर तक नीचे जाकर रूकता है, ये देखना दीगर होगा. वहीं इस मामले में जदयू के कोई भी स्थानीय नेता मुंह खोलने को तैयार नहीं है. थाना का मामला बताकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं.

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