जेलर की कैद से कैदियों की दर्जनों पासबुक को न्यायाधीश ने कराया रिहा

~जमुई मण्डल कारा के निरीक्षण के दौरान निरीक्षी न्यायाधीश ने लगाई जेलर को फटकार

~जेलर के कब्जे में था कैदियों का पासबुक,अधिकारियों द्वारा की जाती थी पैसे की निकासी

~बैंक से पैसा निकाल कर देने के एवज में कमीशन के तौर पर कैदियों से वसूली जाती है मोटी रकम

जमुई:-शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय के न्यायधीश सह जमुई के निरीक्षी न्यायधीश के द्वारा जमुई मण्डल कारा में औचक निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान जिला न्यायधीश राजकुमार प्रसाद भी मौजूद रहे।और साथ ही न्यायालय के अधिकारी वो जेल प्रशाशन भी मुश्तैद दिखे।लगभग साढ़े तीन घंटे के लगातार निरीक्षण ने जेल प्रशाशन की नींद उड़ा दी।और साथ ही जेल सुपरिटेंडेंट सैप्रियन टोप्पो के कार्य की पोल खोल दी।निरीक्षण के दौरान जेल के सभी व्यवस्था में त्रुटि और अनियमितता पाई गई।जिसको लेकर जेल अधीक्षक को न्यायधीश ने जमकर क्लास लगाई।इससे पूर्व जेल प्रशाशन के द्वारा निरीक्षी अधीक्षक को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इसके बाद वे जेल के अंदर सभी सेलों में बारीकी से जांच करते हुए कैदियों से बातचीत की।और अनियमितता को जल्द सुधारने का आश्वासन दिया।और उन्होंने ने जेल परिषद में फैली गंदगी को जल्द से जल्द सफाई करने की हिदायत दी।


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*कैदियों के दर्जनों पासबुक पर था जेलर का कब्ज़ा

कैदी वार्ड में निरीक्षण के दौरान जमुई निरीक्षी न्यायधीश राजीव रंजन चौधरी को भनक लगी की जेल के अंदर बंद कैदियों का बैंक पासबुक जेलर के कब्जे में है।उसके बाद बारी-बारी से रजिस्टर पासबुक सहित रजिस्टर की जांच की गई।जांच के दौरान पता चला कि मंडल कारा में बंद दर्जनों कैदियों का बैंक पासबुक जेलर ने जबरन अपने कब्जे में ले रखा है।इतना ही नहीं जेलर अपने कर्मियों के द्वारा उसके खाते से पैसे की भी निकासी करवा रहे हैं।और कई कैदियों का पैसा भी हड़प कर लिया है।इतना ही नहीं अगर किसी कैदी को पैसे पासबुक से निकाल कर दी जाती है तो उस पैसे को देने के एवज में कमीशन के तौर पर काट ली जाती थी पैसे।इस बात को लेकर न्यायधीश विफर पड़े और कहा कि लाचार व्यक्तियों को आप लोगों ने अपनी घिनौनी करतूत से और लाचार बना रखा है।आगे उन्होंने जेलर को कहा कि कैदियों के पासबुक से पैसे निकलते हैं और इसकी जानकारी कैदियों को नहीं होती है।


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*बोले न्यायधीश कैदियों के पासबुक रखने की किसने दिया इजाजत

जेलर की करतूत पर खफा जमुई के निरीक्षी न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि आपके किस कानून की किताब में यह लिखा हुआ है कि कैदियों के पासबुक को कब्ज़ा में लेकर कर्मियों द्वारा पैसा निकलवाया जाए।और कैदियों की इस बात की जानकारी नहीं हो।आगे उन्होंने कड़ी हिदायत देते हुए सभी जेल प्रशाशन को कहा कि आपलोग अपने दायरे से बाहर आकर काम कर रहे हैं जो आपके लिए नुकशान है।सभी लोग अपने हद में रहकर काम करें अन्यथा खुद की सुरक्षा के मोहताज हो जाओगे।और साथ ही उन्होंने कहा कि अभिलंब शुक्रवार को ही सभी कैदियों के पासबुक लौटाया जाए।


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*महिला कैदी को भी जेलर ने नहीं बख्शा

बताया जाता है कि जमुई मण्डल कारा में बंद झाझा थाना के करहरा गांव निवासी कैदी चंद्रावती देवी के पासबुक से महीनों पहले पैसा निकलवा लिया गया लेकिन उक्त महिला को पैसे नहीं मिली।जो न्यायधीश के जांच के दौरान सामने आई।तब न्यायधीश ने फौरन उक्त महिला को बुलवा कर 1900 रुपये दिलवाया।जबकि महिला के एकाउंट से 2400 रुपये की निकासी हुई थी।जिसको लेकर जेल प्रशाशन का कहना था कि 500 रुपये पहले साबुन और सर्फ के लिए दिया गया था।

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