जानिए जीवन के आरम्भ में कैसे गुजरा करते थे लालू प्रसाद यादव

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आज हजारों करोड़ की बेनामी संपत्ति के आरोपों से घिरे लालू यादव के बारे में कहा जाता है कि जीवन के आरंभ में उन्होंने रोटी की जुगाड़ के लिए मजदूरी की है, रिक्‍शा भी चलाया है। स्कूल की यहाँ तक की फीस देने के लिए भी पैसे नही थे।
गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में जन्‍में लालू ने माड़ीपुर गांव के स्कूल से पढ़ाई शुरू की थी। उनके पास फीस देने के लिए पैसे नहीं होते थे तो वह फीस की जगह हर शनिवार को रस्सी-पगहा और गुड़-चावल फीस के रूप में शिक्षक को देते थे।जब लालू कुछ बड़े हुए तब उनके बड़े भाई मुकुन्द चौधरी मजदूरी करने पटना आए। वह लालू को भी पटना लेते आए। यहां लालू का नामांकन पांचवीं कक्षा में शेखपुरा मोड़ के मध्‍य विद्यालय में कराया गया। पटना में लालू प्रसाद का परिवार वेटरनरी कॉलेज के एक कमरे के शौचालय विहीन क्वार्टर में रहने लगा। शौच के लिए खेत में जाना मजबूरी थी। परिवार के पास लालटेन के लिए केरोसिन तेल खरीदने तक का पैसा नहीं था, इसलिए रूम में अंधेरा पसरा रहता था। लालू वेटरनरी कॉलेज के बरामदे में पढ़ते थे। स्कूल के पुअर बॉयज़ फंड से पैसे मिले तो पढ़ाई में सुविधा हुई। पढ़ाई जारी रहे, इसलिए लालू कभी रिक्शा चलाते थे। वे चाय की दुकान पर मजदूरी भी करते थे।
डॉक्‍टर बनने का था सपना :
इन हालातों में भी लगन के धनी लालू ने पटना विवि से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री से बीए किया। फिर एल एल बी किया। वे बचपन में डॉक्टर बनने का सपना देखते थे। लेकिन मरे हुए मेंढ़क के ऑपरेशन के डर से उन्होंने डॉक्टर बनने इरादा छोड़ दिया। फिर दोस्‍तों की सलाह से एलएलबी में एडमिशन ले लिया।
सन् 1971 में लालू प्रसाद पटना विवि छात्र संघ के चुनाव में शामिल होकर संघ के महासचिव बने। फिर जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति से जुड़े। आपातकाल के दौरान गिरफ्तार होकर जेल भी गए। संपूर्ण क्रांति के दौरान एक बार उनके मरने की अफवाह फैल गई थी।18 मार्च 1974 को आंदोलन हिंसक हो गया था। छात्र सड़कों पर उतर आए थे।उनमें लालू भी शामिल थे। आंदोलन रोकने के लिए सेना के जवान सड़क पर उतर आए और लालू की पिटाई की। इसी दौरान अफवाह फैल गई कि सेना की हुई पिटाई में लालू की मौत की हो गयी।
बहरहाल, जेपी आंदोलन के दौरान लालू ने अपनी छवि एक जुझारू नेता के रूप में बना ली। उसके बाद वो 1977 में आम चुनाव हुआ तो लालू प्रसाद सांसद चुने गए। फिर 1980-1985 में विधायक रहे। 1990 में लालू बिहार के मुख्‍यमंत्री बन गए।

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