इंटरनेशनल कोर्ट में बड़ी जीत, भारत के दलवीर भंडारी दूसरी बार अतंराष्ट्रीय अदालत के जज

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जस्टिस दलवीर भंडारी का मुकाबला ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था. दलवीर भंडारी को जनरल एसेंबली में 183 मत मिले, जबकि सिक्योरिटी काउंसिल में जस्टिस भंडारी को 15 मत मिले हैं.  भंडारी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में बड़ी जीत हासिल कर ली है. इसके साथ ही वो दूसरी बार अतंराष्ट्रीय अदालत के जज बन गए हैं.दलवीर भंडारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधिश भी थे.   अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की ओर से नामित दलवीर भंडारी के निर्वाचन  पर ब्रिटेन का कहना है कि वह करीबी दोस्त भारत की जीत से खुश है. भंडारी की जीत ब्रिटेन द्वारा चुनाव से अपना प्रत्याशी वापस लिये जाने के कारण संभव हुई है उनका जन्म वर्ष 1 अक्टूबर 1947 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था. दलवीर भंडारी के पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य थे. जोधपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत की. वर्ष 1991 में भंडारी वह दिल्ली आ गए और यहां वकालत करने लगे. अक्टूबर 2005 में वो मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने. भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस  में जाने से पहले भारत में विभिन्न अदालतों में 20 वर्ष से अधिक समय तक उच्च पदों पर रह चुके हैं. दलवीर भंडारी ने 19 जून 2012 को पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य की शपथ ली थी. वो सुप्रीम कोर्ट में भी वरिष्ठ न्यायमूर्ति रहे हैं.भंडारी की जीत भारत के लिहाज से बेहतरीन है, क्योंकि पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव का मामला भी अंतर्राष्ट्रीय अदालत में है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये ‘सभी आवश्यक कदम उठाये’ कि उसके (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय) द्वारा अंतिम फैसला सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये. पूरे देश में के लोग आईसेजी के फैसले पर अपने-अपने ढंग से खुशी जता रहे हैं.

 

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